
जब मैं प्राथमिक स्कूल में थी, तब मेरे पिता का देहांत हुआ और मेरी मां ने अकेले अपने एक बेटे और तीन बेटियों का पालन पोषण किया। मेरी मां भोर को जागालछी बाजार में जाती थी और मछली का एक बड़ा बक्सा खरीदकर पड़ोस में एक खुदरा स्टोर में बेचती थी; मेरी मां ने बहुत परिश्रम किया और ऐसा कोई व्यवसाय नहीं था जो उसने नहीं किया हो।
मेरी मां हमेशा देर रात को आती थी, तो मेरी दो बड़ी बहनें मेरी और मेरे छोटे भाई की देखभाल करती थीं। चूंकि मेरा भाई हमेशा मेरी बहनों के लिए छोटा–मोटा काम करता था, तो मेरे पास करने के लिए कोई काम नहीं था। इसलिए मैं जीवन की मुश्किलों को महसूस किए बिना बस खेलती रहती थी।
एक दिन, मेरी मां ने मुझे बुलाया और उसके दर्द हो रहे पैरों की मालिश करने को कहा। मैंने बस उसे मालिश करने का दिखावा किया। वह चाहती थी कि मैं थोड़ा और करूं, लेकिन मैं नाक–भौं सिकोड़ते हुए अपने कमरे में चली गई।
कुछ दिनों के बाद, मेरी मां ने मुझे फिर से बुलाया और मुझे अपने पैरों की मालिश करने को कहा। मैंने चिड़चिड़ाते हुए उससे कहा कि मैं नहीं कर सकती क्योंकि मैं भी थक गई हूं, और मैं अपने कमरे में चली गई। तब से, उसने मुझे अपने पैरों की मालिश करने के लिए कभी नहीं कहा। उसके बजाय, वह गठीली मांसपेशियों को मुक्त करने के लिए अकेले ही खाली बोतल से अपने पैरों की मालिश करती थी या अपने पैरों को फर्श पर पटकती थी।
अब मैं उस समय की मेरी मां की तरह बूढ़ी हूं, और मेरे पैर अक्सर सूज जाते हैं। यदि मैं दिन के समय लंबे समय तक खड़ी रहूं, तो मैं रात को अच्छे से सो नहीं सकती। जब मेरे पैर सूज जाते हैं, तब मैं अपने पति या बच्चों को अपने पैरों की मालिश करने को कहती हूं। एक दिन, माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले मेरे बेटे ने पूरे मन से मेरे पैरों की मालिश की। अचानक आंसू बाहर निकलने लगे। ‘मेरी मां को भी इस तरह दर्द हुआ होगा, मेरी मां ने मुझ से अधिक कठिन जीवन जिया होगा।’ यह सोचकर मेरा मन बहुत ही दुखी हो गया। मैं अपनी मां के प्रति बहुत खेदित थी कि मैंने एक बार भी उसके पैरों की अच्छे से मालिश नहीं की।
हाल ही में, मैंने अपनी मां के पैरों को छुआ जिसके घुटने के कार्टिलेज की सर्जरी हुई थी, और मैं पुरानी कहानी कहने लगी। मेरी मां ने कहा कि उसे वह याद भी नहीं है। यह कितना अच्छा होता यदि उस समय मैं अपने छोटे हाथों से अपनी मां के सूजे हुए पैरों की मालिश करती। मेरी मां कहती है कि वह भूल गई, परन्तु मैं भूल नहीं सकती। भले ही उस समय मैं छोटी और नासमझ थी, फिर भी यह एक बेहद दुखद और शर्मनाक याद है।