प्रवेश द्वार को प्रेम से भरपूर बनाएं

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“मैं घर आ गया हूं।”

“आपका दिन शुभ हो!”

“वापसी पर स्वागत है! आपने आज भी मेहनत की है।”

वह प्रवेश द्वार है जिससे आप सबसे पहले गुजरते हैं जब आप घर आते हैं, और जिससे आप सबसे अंत में गुजरते हैं, जब आप बाहर जाते हैं। यह वह जगह है जहां अपनी दिनचर्या के लिए आने-जाने वाले परिवार के सदस्यों से आप मिलते हैं या अलविदा कहते हैं। यह वह जगह है जो आपके मेहमानों पर पहली छाप छोड़ता है।

भले ही यह घर की एक छोटी सी जगह है, लेकिन इसकी भूमिका बिल्कुल कम नहीं है। जब आप अपने परिवारवालों के बाहर जाते समय उन्हें प्रोत्साहन देते हैं और जब आप उनके घर में वापस आते समय खुशी से उनका स्वागत करते हैं, तो प्रवेश द्वार केवल प्रवेश और निकास के लिए एक द्वार नहीं, बल्कि संवाद और मेल-मिलाप करने का स्थान बन जाता है।

इस महीने, आइए हम प्रवेश द्वार को प्रेम से भरपूर बनाएं, ताकि जब भी आपके परिवारवाले अंदर आते और बाहर जाते हैं, उनके साथ खुशियां भी आ सकें।

टिप्स
प्रवेश द्वार पर मुस्कुराते हुए खींची गई अपने परिवार की तस्वीरें लगाएं।
प्रवेश द्वार पर प्रोत्साहन देने वाले संदेश रखें।
अपने बाहर से मिले सभी तनावों को दूर भगाने के बाद घर में प्रवेश करें।
घर में प्रवेश करते समय हंसमुख आवाज में अपने परिवार का अभिवादन करें।
अपने परिवार के घर वापस आने पर ऐसे स्वागत करें, जैसे कि आप उनसे लंबे समय के बाद मिले हों।
प्रवेश द्वार से अलविदा कहते हुए अपने परिवार को प्रोत्साहित करें (आलिंगन करना, हाई-फाइव, या हाथों से दिल का आकार बनाना)
बाहर जाते समय मुस्कान के साथ अपने परिवार का अभिवादन करें।
यदि कोई परिवारवाला भार लेकर घर वापस आता है, तो उसे जल्दी से उठाएं।
यदि जूते ठीक से न रखे हुए हैं, तो उन्हें अच्छे से रखें।