छोटी बातें आत्मिक आशीर्वादों में योगदान करती हैं

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परमेश्वर द्वारा सौंपी छोटी बातों में विश्वासी होना ही आत्मिक आशीर्वादों को जमा करने का सबसे अच्छा मार्ग है। मत्ती अध्याय 25 में, हम आत्मिक आशीर्वादों को कैसे जमा कर सकते हैं, इसके बारे में एक अच्छा उदाहरण देख सकते हैं।

“क्योंकि यह उस मनुष्य की सी दशा है जिसने परदेश जाते समय अपने दासों को बुलाकर… उसने एक को पांच तोड़े, दूसरे को दो, और तीसरे को एक; अर्थात् हर एक को उनकी सामर्थ्य के अनुसार दिया, और तब परदेश चला गया। तब, जिसको पांच तोड़े मिले थे, उसने तुरन्त जाकर उनसे लेन–देन किया, और पांच तोड़े और कमाए। इसी रीति से जिसको दो मिले थे… परन्तु जिसको एक मिला था, उसने जाकर मिट्टी खोदी, और अपने स्वामी के रुपये छिपा दिए। “बहुत दिनों के बाद उन दासों का स्वामी आकर उनसे लेखा लेने लगा। जिसको पांच तोड़े मिले थे, उसने पांच तोड़े और लाकर कहा, ‘हे स्वामी… देख, मैं ने पांच तोड़े और कमाए हैं।’ उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘धन्य, हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊंगा। अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो। मत 25:14–23

परमेश्वर के दिए तोड़ों के साथ मेहनत से कार्य करके और भी तोड़े कमाना, यही स्वर्ग में आशीर्वाद जमा करने का रास्ता है। परमेश्वर ने अपनी सन्तानों के विषय में जो निष्ठा से आत्माओं को बचाने का महान कार्य करते हैं, ऐसा कहकर, “जो बहुतों को धर्मी बनाते हैं, वे सर्वदा तारों के समान प्रकाशमान रहेंगे।” उनसे स्वर्गीय और अनन्त आशीर्वाद का वादा किया है।(दान 12:1–3)

परमेश्वर ने कहा है कि जब सारी जातियों में सुसमाचार का प्रचार हो जाएगा, वह उन सब को अपने सामने इकट्ठा करेंगे और अपनी धार्मिकता के अनुसार उनका न्यान करेंगे। उन्होंने हमें पहले से उनका न्याय करने का दृश्य दिखा दिया है और यह सिखाया है कि हमें आत्मा की लालसाओं को पाने के लिए क्या करना चाहिए।

“जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा… और सब जातियां उसके सामने इकट्ठा की जाएंगी; और जैसे चरवाहा भेड़ों को बकरियों से अलग कर देता है, वैसे ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा। वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकरियों को बाईं ओर खड़ा करेगा। तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, ‘हे मेरे पिता के धन्य लोगो, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया गया है… ‘तुमने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।’… ‘तुमने जो इन छोटे से छोटों में से किसी एक के साथ नहीं किया, वह मेरे साथ भी नहीं किया।’ और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।” मत 25:31–46

यीशु हमें सिखाते हैं कि हमें स्वर्ग के राज्य के लिए तैयार रहना चाहिए, और हमें वह सब कहते हैं जो हमें अब करना चाहिए।

परमेश्वर सभी बातों को जांचते हैं, यहां तक कि छोटी से छोटी चीज़ को भी। उन्होंने हमें स्वर्ग से प्रचुर आशीर्वाद प्रदान किए हैं। बाइबल ने हमें पहले से दिखाया है कि वह क्या है जो हमारे आशीर्वादों को कम करता है और क्या उन्हें बढ़ाता है।

छोटी से छोटी बातों में भी विश्वासयोग्य होना, यही स्वर्ग में आशीर्वादों को जमा करने का एक आवश्यक गुण है। यीशु ने कहा कि हम अपने भाइयों में से छोटे से छोटे के लिए कुछ करते हैं तो वह हमारे स्वर्गीय आशीर्वादों में बढ़ोतरी करता है। इन शब्दों के प्रति चौकस रहते हुए, हमें अपने सुसमाचार के तोड़ों के द्वारा बहुतों को धार्मिकता के मार्ग पर ले आना चाहिए, ताकि स्वर्ग में हमारे आशीर्वाद जमा हो सकें।