प्रेम देकर प्रभावित होना

आनयांग, कोरिया से नो मीन आ

8,242 बार देखा गया

‘मैं अपनी गर्मी की छुट्टियां कैसे अर्थपूर्ण रूप से बिता सकूंगी?’

सन् 2017 में, चाहे हम सभी अलग–अलग सिय्योन के थे, हम एक साथ IWBA शिक्षा में भाग ले रहे थे। हमारे पास ऐसी एक समान आशा थी कि हम साल में केवल एक बार आती गर्मी की छुट्टीयों के दौरान, विशेष अनुभव लें। इसलिए इससे पहले कि बहुत देर हो चुका हो, हमने अपने मन को कार्य में लाने का फैसला किया। हमारी योजना यह थी कि हम उस देश में उड़ जाकर, जहां हम कभी नहीं गए थे, शारीरिक और आत्मिक दोनों रूप से अपने अनुभव का विस्तार करें, और अच्छे कार्यों के द्वारा परमेश्वर की महिमा को प्रकट करें। जिस स्थान पर हम दस दिनों के लिए रहने जा रहे थे, वह अमेरिका के मध्य–पश्चिम में स्थित यूटा राज्य की राजधानी, साल्ट लेक सिटी था, जिसका अर्थ है नमक झील की शहर। हमने प्रार्थना की कि उस जगह के नाम के समान हम संसार को शुद्ध करने वाला नमक की भूमिका निभा सकें।

पहले दिन से हमने स्थानीय सदस्यों के मार्गदर्शन से यहां और वहां जाकर अपरिचित अमेरिकी संस्कृति का अनुभव किया, और स्थानीय लोगों को बाइबल के सत्य बताते हुए व्यस्त समय बिताया। हमें स्वयंसेवा कार्य करने का अवसर भी मिला। एक सार्वजनिक संस्था ने हमसे अकेले रहनेवाली बुजुर्ग के घर को पेंट करने का निवेदन किया।

स्वयंसेवा कार्य शुरू करने से पहले, संस्था ने हमारे लिए नाश्ता भी तैयार किया, जिसकी हमने उम्मीद नहीं की थी। यह सुनकर हमें बहुत अच्छा लगा कि लोग हमारी मदद करने की इच्छा रखते हैं क्योंकि लोग काफी जानते हैं कि चर्च ऑफ गॉड के सदस्य कितना ईमानदारी से स्वयंसेवा कार्य करते हैं।

पेट भर नाश्ता खाने के बाद, हमने अपना काम पूरे जोश के साथ शुरू किया। बुजुर्ग का घर बहुत पुराना था और बगीचा देखभाल न किए जाने के कारण एक जंगल जैसा लग रहा था। घर के चारों ओर देखने के बाद, हमने स्थानीय सदस्यों के साथ पुराने पेंट को सब निकाल दिया। उसके बाद हमने ऊपर की दीवारों पर पेंट किया, और फिर बाकी दीवारों पर रोलर और ब्रश से बारीकी से पेंट किया।

यद्यपि हम, सब के पास अलग–अलग काम दिया गया था, लेकिन हमारे पास एक समानता था, वह ‘हंसता हुआ चेहरा’ था। धूप के नीचे पसीना बहाने के बावजूद भी बिना मुंह बनाए सभी ने हंसते हुए काम किया। हमारे चेहरे और इशारे उत्साह से भरे हुए थे। ऐसा लगता था कि हम यह किसी की मदद करना नहीं लेकिन विशेष अतिथि के आने से पहले घर की सफाई करते थे। भाइयों और बहनों के मुस्कुराते चेहरे स्वर्गदूत के सदृश्य थे, और उनके पसीने की बूंद मणि के समान चमकती थीं।

समय बहुत तेजी से बीत गया। जब हम घर के आसपास सफाई करके सब चीजों को अपनी जगह पर रख रहे थे, तब घर के बुजुर्ग मालिक किसके सहारे से बाहर आई।

“धन्यवाद, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। मैं आपसे प्रेम करती हूं।”

वह सिर्फ कुछ घंटों में अपने घर को पूरी तरह से बदलते हुए देखकर बहुत प्रभावित हुई। उसने हम में से हर एक के साथ आंख से संपर्क किया और गले लगाया। संस्था के अधिकारियों ने भी यह कहते हुए हमारी प्रशंसा की, “आपने सच में अच्छा काम किया,” और बाद में हमें पुरस्कार भी देकर बार–बार आभार व्यक्त किया। वे हमसे प्रभावित हुए थे, लेकिन उनकी प्रशंसा और उनके सत्कार से हम ही उनकी तुलना में अधिक प्रभावित हुए थे।

वास्तव में पहले हम चिंतित थे। चूंकि हम स्थानीय लोगों के साथ संवाद नहीं कर सकते थे और हमने कभी नहीं सीखा था कि कैसे ठीक से पेंट करें, इसलिए हम चिंतित थे कि हम उनकी मदद करने की बजाय उन्हें परेशान कर सकेंगे। लेकिन, ईमानदारी हमेशा काम करती है, जब हमने अपने जोश और शक्ति को एकत्र किया, तब हम निश्चित रूप से मदद के लिए हाथ बढ़ा सके।

अमेरिका में 10 दिन बिताने के दौरान, विशेष रूप से स्वयंसेवा कार्य के द्वारा हमने गहराई से महसूस किया कि ‘दुनिया बड़ी है और करने के लिए बहुत सारे काम हैं।’ हमने यह बात भी जानी कि स्वयंसेवा कार्य जो हम दूसरों की मदद करने के लिए करते हैं, हमारी आत्मा को प्रचुर बना देता है।

यह सबसे अच्छी गर्मी की छुट्टी थी, क्योंकि भले ही वह थोड़े समय के लिए थी लेकिन हमने खुद के लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए प्रयास किया, और हम बहुत प्रभावित हुए और गहरा एहसास भी प्राप्त किए हैं।