जब देह का हर एक अंग एकजुट नहीं होता

मैनहट्टन, एनवाई, अमेरिका से वियाना लिन्‍नेट वाजक्वेज

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“यह एक घुसपैठिया है! आक्रमण करो!”

“नहीं, रुको! मैं कोई घुसपैठिया नहीं हूं। हम एक देह के अंग हैं!”

“झूठा! आक्रमण करो! आक्रमण करो!”

यह वही है जो हाशिमोटो थायरोडिटिस वाले किसी व्यक्ति के शरीर के अंदर होता है।

हाशिमोटो थायरोडिटिस एक स्वप्रतिरक्षित रोग है; एक विकार जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली थायराइड पर हमला करती है क्योंकि यह थायराइड को शरीर में एक बाहरी के रूप में देखती है। थायराइड आपकी गर्दन के आगे स्थित है। यह एक तितली के आकार में है। थायराइड ग्रंथि हार्मोन बनाती है जो उपापचय और ऊर्जा को नियंत्रित करती है। कम कार्यशील थायराइड हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकता है, जिस स्थिति में थायराइड शरीर की जरूरतों के लिए पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाता। इसमें थकान, अवसाद, वजन बढ़ने, बाल झड़ने, निरंतर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द जैसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। यदि थायराइड लगातार हमले किए जाकर कार्य नहीं कर सकता, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है।

मुझे इस हालत का पता तब चला जब मैं लगभग 16 साल की थी। फिर भी, मैंने खुद के लिए उचित देखभाल करने के प्रयास नहीं किए हैं। यह न जानते हुए कि मेरी स्थिति कितनी गंभीर थी, मैंने अपनी दवा तीन महीने तक नहीं ली और मेरे शरीर को नुकसान पहुंचाया। मैंने 30 साल की उम्र हो जाने के बाद, हाइपोथायरायडिज्म पर शोध किया और इसकी उचित रूप से देखभाल न की जाने पर होनेवाली गंभीरता और खतरे को समझने लगी। मुझे अपनी बीमारी से जो प्रतिरक्षा प्रणाली थायराइड पर हमला करती है जैसे कि वह एक घुसपैठिया हो, एक आत्मिक एहसास प्राप्त हुआ।

क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं; वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह होकर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। रोमियों 12:4-5

मुझे एहसास हुआ कि हमें एक साथ कार्य करना है, एक दूसरे के विरुद्ध नहीं। यदि मसीह की एक देह में जिनके हम सब अंग हैं, एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर आक्रमण करे, तो देह सही ढंग से काम नहीं करेगी। यह वैसा ही है जब प्रतिरक्षा प्रणाली थायराइड पर आक्रमण करती है। पूरी देह अंत में पीड़ित होती है। इसलिए सुसमाचार के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए, यदि हर अंग एकजुट न हो, तो यह कार्य असहाय होकर धीमा हो जाएगा।

मैं नफरत करती थी कि हाशिमोटो थायरोडिटिस मेरा एक हिस्सा है। मैंने कभी भी गंभीरता से नहीं सोचा कि यदि मैं इसका ध्यान न रखूं तो इसके दुष्प्रभाव कितने गंभीर और खतरनाक हो सकते हैं। मैंने अपनी देह की देखभाल नहीं की है जो परमेश्वर ने मुझे दी है। दरअसल, मैंने अपनी देह के साथ-साथ आत्मा की भी देखभाल नहीं की। पिता और माता के कहने पर भी मैं भाइयों और बहनों के साथ एकजुट नहीं हुई। मैंने खुद को परेशान किया क्योंकि मैं केवल खुद पर निर्भर थी। मुझे लोगों पर भरोसा नहीं था, इसलिए मैंने उनसे मदद नहीं मांगी। मैंने परमेश्वर से भी नहीं मांगा क्योंकि मैं उन्हें परेशान करना नहीं चाहती थी और उन्हें यह दिखाना चाहती थी कि मैं स्वयं कर सकती हूं। लेकिन मैंने जो कुछ भी किया वह हमेशा विफल रहा। मैं इतनी अहंकारी संतान थी। मैंने एलोहीम परमेश्वर को कितना पीड़ित किया? मैंने उन भाइयों और बहनों का लिहाज नहीं किया जो मेरे साथी देह के अंग हैं। मैं स्वार्थी थी। मुझे स्वर्गीय पिता और माता के प्रति बहुत खेद महसूस होता है।

अब मैं भाइयों और बहनों के साथ एकजुट होने की कोशिश करूंगी। अब से मैं किसी से भी मुंह नहीं मोड़ना चाहती और उन्हें अपना पूरा मन देना चाहती हूं। मैं अपने भाइयों और बहनों के साथ विश्व सुसमाचार के लिए भी प्रयास करूंगी ताकि मैं परमेश्वर को खुश कर सकूं।