कोका कोला की तरह नहीं, बल्कि पानी की तरह शांत रहो!

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क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है कि ज्यादा सोचे बिना कोका कोला की बोतल का ढक्कन खोलने पर जबरदस्त झाग निकला है? यह अनुभव सबको हुआ होगा। कभी–कभी ऐसा समय होता है जब लोग कोला की तरह बर्ताव करते हैं। यह तब होता है जब वे जलन, क्रोध या गुस्से को बर्दाश्त नहीं कर सकते। कारण चाहे जो भी हो, यदि आप गुस्से में आकर अपना आपा खो दें, तो आपको खराब और असहज महसूस होगा, और आपसे अधिक दूसरों को ज्यादा बुरा लगेगा।

बहुत सी चीजें हैं जो वैसी नहीं होतीं जैसी आप चाहते हैं, और कभी–कभी आपको किसी से बातचीत करने में दिक्कत आ सकती है और उससे आप निराश हो सकते हैं, लेकिन आप हर समय क्रोध नहीं कर सकते। क्या अपने क्रोध को नियंत्रित करना गुस्सा करके बाद में पछताने से बेहतर नहीं होगा? आइए हम अपने आपसे एक वादा करें कि इस महीने में ठीक उसी तरह क्रोध न करें जिस तरह पानी बहुत बार हिलाए जाने पर भी शांत रहता है।

टिप्स
जब आपको क्रोध आता है, तब दस सेकंड तक की गिनती गिनें।
खुद को दूसरे की स्थिति में रखकर देखें।
किसी असंबंधित व्यक्ति पर क्रोध न करें।
जिसने आपको क्रोधित किया, उसकी खूबियों को याद करें।
ऐसा न सोचिए कि आप 100‰ सही हैं।
हमेशा दिलचस्प और खुशनुमा विचार रखें और बहुत हंसें।
भले ही कोई आप पर क्रोध करे, लेकिन उसकी तरह क्रोध न करें।
ऐसा न सोचिए, ‘वह ऐसा कैसे कर सकता है?’ लेकिन बदले में सोचिए, ‘वह ऐसा कर सकता है!’
विचारों की भिन्नता के कारण हुए झगड़े में, यदि वह महत्वपूर्ण मामला न हो, तो पीछे हटें।