मुझे कहा गया कि पुराने नियम की व्याख्या छाया के रूप में की जाती है और नए नियम की व्याख्या उसकी असलियत के रूप में की जाती है। इस पर विश्वास करने का बाइबल का क्या आधार है?

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बाइबल गवाही देती है कि पुराने नियम की व्यवस्था “आनेवाली अच्छी वस्तुओं की छाया है”(इब्र 10:1)। बाइबल में यह भी कहा गया है कि परमेश्वर ने प्राचीनकाल से उस बात को बताया है जो अब तक नहीं हुई है(यश 46:10), और जो अब हो रहा है वह पहले भी हो चुका है(सभ 3:15)। ये सभी वचन दिखाते हैं कि पुराने नियम के युग में परमेश्वर ने प्रतिरूप और छाया के द्वारा पहले ही यह जानने दिया है कि वह बाद में क्या पूरा करेंगे।

पुराने नियम में मलिकिसिदक और नए नियम में यीशु

आइए हम कुछ उदाहरणों के द्वारा इस तथ्य की पुष्टि करें कि पुराना नियम छाया है और नया नियम उसकी असलियत है। सबसे पहले आइए हम एक ऐतिहासिक घटना देखें जो अब्राहम के दिनों में हुई थी। जब अब्राहम युद्ध जीतकर लौटा, तब मलिकिसिदक ने जो परमप्रधान परमेश्वर का याजक था, उसे रोटी और दाखमधु के द्वारा आशीष दी। इस दृश्य में परमेश्वर ने पहले से यह दिखाया कि नए नियम के युग में यीशु हमें फसह की रोटी और दाखमधु के द्वारा अनन्त जीवन की आशीष देंगे।

तब शालेम का राजा मलिकिसिदक, जो परमप्रधान ईश्वर का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया। और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, “परमप्रधान ईश्वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो।” उत 14:18–19

अत: चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी और फसह तैयार किया… जब वे खा रहे थे तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, “लो, खाओ; यह मेरी देह है।” फिर उसने कटोरा(दाखमधु) लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पीओ, क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।” मत 26:19–28

नया नियम गवाही देता है कि यीशु मलिकिसिदक की रीति पर एक महायाजक हैं। यह इसलिए है क्योंकि यीशु पुराने नियम में प्रकट हुए मलिकिसिदक की असलियत हैं। पुराने नियम में परमेश्वर ने मलिकिसिदक का इतिहास छाया के रूप में इसलिए दिखाया ताकि वह अपने लोगों की यीशु को पहचानने में मदद कर सकें जो बाद में उद्धार का सत्य लेकर आएंगे।

पुत्र होने पर भी, उसने दु:ख उठा–उठाकर आज्ञा माननी सीखी, और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया, और उसे परमेश्वर की ओर से मलिकिसिदक की रीति पर महायाजक का पद मिला। इब्र 5:8–10

निर्गमन के समय का फसह और नई वाचा का फसह

पुराने नियम के युग में इस्राएलियों ने लंबे समय तक मिस्र के दासत्व के बोझ तले दबकर कठिनाइयों को सहन किया।

तब परमेश्वर ने उनके पास मूसा नबी को भेजा ताकि वे फसह का पर्व मनाकर मिस्र देश से मुक्त हो सकें।

और इस महीने के चौदहवें दिन तक उसे रख छोड़ना, और उस दिन गोधूलि के समय इस्राएल की सारी मण्डली के लोग उसे बलि करें। तब वे उसके लहू में से कुछ लेकर जिन घरों में मेम्ने को खाएंगे उनके द्वार के दोनों अलंगों और चौखट के सिरे पर लगाएं। और वे उसके मांस को उसी रात आग में भूंजकर अखमीरी रोटी और कड़वे सागपात के साथ खाएं… वह तो यहोवा का पर्व होगा। निर्ग 12:6–11

ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मिस्र देश में सिंहासन पर विराजनेवाले फिरौन से लेकर गड़हे में पड़े हुए बंधुए तक, सब के पहिलौठों को, वरन् पशुओं तक के सब पहिलौठों को मार डाला… तब फिरौन ने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवाकर कहा, “तुम इस्राएलियों समेत मेरी प्रजा के बीच से निकल जाओ; और अपने कहने के अनुसार जाकर यहोवा की उपासना करो।” निर्ग 12:29–31

फसह के पर्व के द्वारा इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व से मुक्त किया गया, यह ऐतिहासिक घटना एक छाया थी जो दिखाती है कि नए नियम के युग में यीशु फसह के द्वारा मानवजाति को पाप और मृत्यु के दासत्व से मुक्त करेंगे।

“तुम सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।” उन्होंने उसको उत्तर दिया; “हम तो अब्राहम के वंश से हैं और कभी किसी के दास नहीं हुए। फिर तू कैसे कहता है कि तुम स्वतंत्र हो जाओगे?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जो कोई पाप करता है, वह पाप का दास है।” यूह 8:32–34

और यीशु मसीह की ओर… तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे। वह हम से प्रेम रखता है, और उसने अपने लहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है। प्रक 1:5

जब वे खा रहे थे तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, “लो, खाओ; यह मेरी देह है।” फिर उसने कटोरा(दाखमधु) लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पीओ, क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।” मत 26:26–28

छाया में दिखाया गया परमेश्वर का न्याय

पुराने नियम का इतिहास नए नियम में होनेवाली बातों की छाया है। इस दृष्टिकोण से हमें इस युग में एक चीज को जरूर याद रखना चाहिए। वह इस पापमय संसार में होनेवाला परमेश्वर का न्याय है।

नूह के दिनों में परमेश्वर ने पापों से भरे संसार को जलप्रलय से नष्ट किया, और उन्होंने सदोम और अमोरा के भ्रष्ट नगरों को आग और गन्धक आकाश से बरसाकर नष्ट किया। यह सिर्फ अतीत में बीता हुआ इतिहास नहीं है, परन्तु यह दिखाता है कि परमेश्वर अन्तिम दिन में पापों से भरे हुए इस संसार का न्याय करेंगे।

जैसा नूह के दिनों में हुआ था, वैसा ही मनुष्य के पुत्र के दिनों में भी होगा। जिस दिन तक नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते–पीते थे, और उनमें विवाह होते थे। तब जल–प्रलय ने आकर उन सब को नष्ट किया। और जैसा लूत के दिनों में हुआ था कि लोग खाते–पीते, लेन–देन करते, पेड़ लगाते और घर बनाते थे; परन्तु जिस दिन लूत सदोम से निकला, उस दिन आग और गन्धक आकाश से बरसी और सब को नष्ट कर दिया। मनुष्य के पुत्र के प्रगट होने के दिन भी ऐसा ही होगा। लूक 17:26–30

और प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा, वरन् भक्तिहीन संसार पर महा जल–प्रलय भेजा, पर धर्म के प्रचारक नूह समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया; और सदोम और अमोरा के नगरों को विनाश का ऐसा दण्ड दिया कि उन्हें भस्म करके राख में मिला दिया ताकि वे आनेवाले भक्तिहीन लोगों की शिक्षा के लिये एक दृष्टान्त बनें, और धर्मी लूत को जो अधर्मियों के अशुद्ध चालचलन से बहुत दु:खी था छुटकारा दिया। 2पत 2:5–7

संसार का न्याय और उसे नष्ट करने से पहले, परमेश्वर ने नूह को और उसके परिवार को जलप्रलय से बचाने के लिए जहाज बनाने की आज्ञा दी और लूत को आग और गन्धक के दण्ड से बचाने के लिए सोअर के नगर की ओर भाग जाने की आज्ञा दी। इस युग में भी जब चार स्वर्गदूत जिन्हें पृथ्वी और समुद्र की हानि करने का अधिकार मिला है, पृथ्वी की चारों हवाओं को छोड़ने वाले हैं(यिर्म 25:32 संदर्भ), उद्धार का कार्य तेजी से चल रहा है।

इसके बाद मैं ने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे। वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे ताकि पृथ्वी या समुद्र या किसी पेड़ पर हवा न चले। फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को जीवते परमेश्वर की मुहर लिए हुए पूरब से ऊपर की ओर आते देखा; उसने उन चारों स्वर्गदूतों से जिन्हें पृथ्वी और समुद्र की हानि करने का अधिकार दिया गया था, ऊंचे शब्द से पुकारकर कहा। “जब तक हम अपने परमेश्वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ों को हानि न पहुंचाना।” प्रक 7:1–3

परमेश्वर की मुहर परमेश्वर के लोगों को दिया जानेवाला उद्धार का चिन्ह या छाप है ताकि जब पूरी पृथ्वी को हानि पहुंचाने के लिए चारों हवाओं को छोड़ा जाएगा, तब वे बड़ी विपत्ति से बच सकें। जैसे परमेश्वर ने अपने लोगों को बचाने के लिए नूह के दिनों में जहाज को और लूत के दिनों में सोअर के नगर को तैयार किया था, ठीक वैसे ही इस युग में भी परमेश्वर ने अपने लोगों को बचाने के लिए उद्धार की जगह को तैयार किया है और वह अपने लोगों पर मुहर लगाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने नियत पर्वों के नगर सिय्योन में(यश 33:20) फसह के पर्व की घोषणा की जो विपत्ति से बचने का चिन्ह और मुहर है(निर्ग 12:1–13)।

यहूदा में प्रचार करो और यरूशलेम में यह सुनाओ: “पूरे देश में नरसिंगा फूंको; गला खोलकर ललकारो और कहो, ‘आओ, हम इकट्ठे हों ओर गढ़वाले नगरों में जाएं!’ सिय्योन के मार्ग में झण्डा खड़ा करो, अपना सामान बटोरके भागो, खड़े मत रहो, क्योंकि मैं उत्तर की दिशा से विपत्ति और सत्यानाश ले आया हूं।” यिर्म 4:5–6

नूह के दिनों में लोग जलप्रलय में नष्ट होने से पहले के दिनों तक नहीं जानते थे कि उनके साथ क्या होगा, और खाते–पीते रहते थे और ब्याह–शादियां करते थे। और लूत के दिनों में उसके दामादों ने परमेश्वर के न्याय का मजाक बना दिया। उनकी तरह आज बहुत से लोग इस वर्तमान समय को नहीं पहचान पाते। जैसे परमेश्वर ने नूह और लूत के साथ किया था, वैसे परमेश्वर ने हमें दूसरों से पहले बुलाया और इस वर्तमान समय को पहचानने दिया और नई वाचा का फसह, यानी अंतिम विपत्ति से बचने का जीवनदायी सत्य सिखाया। छाया में दिखाए गए बीते इतिहास से सबक सीखकर, आइए हम इस वर्तमान समय को पूरी तरह पहचानें और परमेश्वर को हमारे उद्धार के लिए उद्धार के अद्भुत कार्य की योजना बनाने के लिए धन्यवाद देते हुए दुनिया भर के सभी लोगों को जल्दी से उद्धार के शुभ संदेश का प्रचार करें और सिय्योन में उनकी अगुवाई करें।