परमेश्वर सिय्योन नगर में शरीर में वास करते हैं

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सभी ईसाइयों को जो उद्धार और अनन्त जीवन की आशा करते हैं, एक चीज को अनदेखा नहीं करना चाहिए, और वह चीज है, परमेश्वर से मिलना। यशायाह नबी ने लिखा, “जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो।”

इन वचनों के द्वारा, हम समझ सकते हैं कि हम परमेश्वर से सिर्फ तभी मिल सकते हैं जब परमेश्वर हमारे निकट हैं। तब, आइए हम खोजें कि परमेश्वर के निकट रहने का समय कब है, हम कहां परमेश्वर से मिल सकते हैं, और परमेश्वर कैसे हमें अपने लोग बनाते हैं और हमें उद्धार देते हैं।

सिय्योन नगर – सच्चा चर्च जहां परमेश्वर निवास करते हैं

हमारे पर्व के नगर सिय्योन पर दृष्टि कर! तू अपनी आंखों से यरूशलेम को देखेगा… वहां महाप्रतापी यहोवा हमारे लिये रहेगा… यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है, वही हमारा उद्धार करेगा… और जो लोग उसमें बसेंगे, उनका अधर्म क्षमा किया जाएगा। यश 33:20–24

यह एक भविष्यवाणी है जिसे यशायाह ने भविष्य में होने वाली घटनाओं को दर्शन में देखकर लिखा। उसने देखा कि सिय्योन नगर में लोग पर्व मनाएंगे, और यहोवा परमेश्वर सिय्योन के राजा बनेंगे, सिय्योन में व्यवस्था स्थापित करेंगे और लोगों पर शासन करेंगे, और लोग जो सिय्योन में बसेंगे, पापों की क्षमा पाएंगे, और उसने उन्हें बाइबल में दर्ज किया।

कुछ लोग इन चीजों के बारे में गलत समझते हैं और कहते हैं कि सिय्योन नगर स्वर्ग का राज्य है या फिलिस्तीन में यरूशलेम है। वे ऐसा इस कारण से कहते हैं क्योंकि वे सोचते हैं, “सिय्योन वह जगह है जहां यहोवा परमेश्वर राजा के रूप में निवास करते हैं। तो क्या वह स्वर्ग का राज्य नहीं है?” या “चूंकि सिय्योन वह जगह है जहां पर्व मनाए जाते हैं, तो क्या वह यरूशलेम नहीं है?” लेकिन यह सिर्फ मनुष्य की व्याख्याएं हैं।

सिय्योन नगर जिसे यशायाह नबी ने दर्शन में देखकर दर्ज किया, उस चर्च ऑफ गॉड के बारे में भविष्यवाणी थी जो नई वाचा के पर्व मनाएगा और जो भविष्य में यहोवा परमेश्वर स्वयं शरीर में आकर स्थापित करेंगे। दूसरे शब्दों में, यह चर्च ऑफ गॉड के बारे में भविष्यवाणी थी जिसे यहोवा परमेश्वर स्वयं शरीर में यीशु के नाम से आकर स्थापित करेंगे।

हे सिय्योन बहुत ही मगन हो! हे यरूशलेम, जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन् गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा। जक 9:9

यशायाह की पुस्तक के अभिलेख के अनुसार, सिय्योन के राजा यहोवा परमेश्वर हैं। जकर्याह नबी ने भविष्यवाणी की कि जब यहोवा परमेश्वर सिय्योन के राजा के रूप में आएंगे तब गदही के बच्चे पर सवार होकर आएंगे। और यीशु ने गदही के बच्चे पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश किया, जिससे साबित हुआ कि वह सिय्योन के राजा हैं।

… तो यीशु ने दो चेलों को यह कहकर भेजा, “सामने के गांव में जाओ। वहां पहुंचते ही एक गदही बंधी हुई, और उसके साथ बच्चा तुम्हें मिलेगा। उन्हें खोलकर मेरे पास ले आओ”… यह इसलिये हुआ कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो: “सिय्योन की बेटी से कहो, ‘देख, तेरा राजा तेरे पास आता है; वह नम्र है, और गदहे पर बैठा है; वरन् लादू के बच्चे पर।’” चेलों ने जाकर, जैसा यीशु ने उनसे कहा था, वैसा ही किया। और गदही और बच्चे को लाकर, उन पर अपने कपड़े डाले, और वह उन पर बैठ गया। तब बहुत से लोगों ने अपने कपड़े मार्ग में बिछाए, और लोगों ने पेड़ों से डालियां काटकर मार्ग में बिछाईं… मत 21:1–9

एक शाही महल में राजा की भव्य शोभायात्रा के लिए जिस प्रकार एक सर्वोत्तम काठी वाला सफेद घोड़ा और भड़कीले व सुंदर रेशम तैयार किए जाते थे, वैसे ही यीशु के चेलों ने तैयार नहीं किए, लेकिन उन्होंने यहोवा परमेश्वर के लिए जो भविष्यवाणी के अनुसार इस पृथ्वी पर शरीर में आए, अपने कपड़े मार्ग में बिछाए और सिय्योन के राजा के रूप में उनके साथ बड़े सम्मान से व्यवहार किया। यीशु संसार के राजाओं की तुलना में बहुत घटिया आदर पाते हुए आए, लेकिन वह अपनी संतानों को बचाने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ इस पृथ्वी पर आए। यीशु सिय्योन के राजा, यानी यहोवा परमेश्वर थे जिनके बारे में पुराने नियम के सभी नबियों ने भविष्यवाणी की थी।

नई वाचा की व्यवस्था जो सिय्योन के राजा परमेश्वर ने स्थापित की

यशायाह के 33वें अध्याय में, यहोवा परमेश्वर ने कहा कि वह सिय्योन में व्यवस्था स्थापित करेंगे। तब वह व्यवस्था क्या थी जो उन्होंने सिय्योन में स्थापित की?

“फिर यहोवा की यह भी वाणी है, सुन, ऐसे दिन आनेवाले हैं जब मैं इस्राएल और यहूदा के घरानों से नई वाचा बांधूंगा… परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद इस्राएल के घराने से बांधूंगा, वह यह है: मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में समवाऊंगा, और उसे उनके हृदय पर लिखूंगा; और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा, और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, यहोवा की यह वाणी है। तब उन्हें फिर एक दूसरे से यह न कहना पड़ेगा कि यहोवा को जानो, क्योंकि, यहोवा की यह वाणी है, छोटे से लेकर बड़े तक, सब के सब मेरा ज्ञान रखेंगे; क्योंकि मैं उनका अधर्म क्षमा करूंगा, और उनका पाप फिर स्मरण न करूंगा।” यिर्म 31:31–34

यह भी उन चीजों के बारे में भविष्यवाणी थी जो परमेश्वर सिय्योन के राजा के रूप में पृथ्वी पर शरीर में स्वयं आकर पूरी करेंगे। यहोवा परमेश्वर ने कहा कि भविष्य में जब वह आएंगे, तब वह नई वाचा स्थापित करेंगे, और जो नई वाचा में आएंगे उन्हें अपने लोग बनाएंगे, और वह उनके परमेश्वर होंगे। जिन्होंने यिर्मयाह की पुस्तक की इस भविष्यवाणी को पूरा किया, वह यीशु थे।

तब अखमीरी रोटी के पर्व का दिन आया, जिसमें फसह का मेम्ना बलि करना आवश्यक था। यीशु ने पतरस और यूहन्ना को यह कहकर भेजा: “जाकर हमारे खाने के लिये फसह तैयार करो।”… उन्होंने जाकर, जैसा उसने उनसे कहा था, वैसा ही पाया और फसह तैयार किया… फिर उसने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उनको यह कहते हुए दी… “यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है।” लूक 22:7–20

यशायाह ने भविष्यवाणी की कि यहोवा सिय्योन में व्यवस्था स्थापित करेंगे, और यिर्मयाह ने भविष्यवाणी की कि यहोवा नई वाचा को स्थापित करेंगे। और यहोवा शरीर में यीशु के नाम से आए और नई वाचा को स्थापित किया। तब सिय्योन में स्थापित की गई व्यवस्था को नई वाचा होनी चाहिए, है न? इसलिए यीशु सिय्योन के राजा यहोवा परमेश्वर हैं, जिनके बारे में सभी नबियों ने भविष्यवाणी की थी।

और यशायाह के 33वें अध्याय में लिखा था कि जो लोग सिय्योन में बसेंगे, उनका अधर्म क्षमा किया जाएगा। इस भविष्यवाणी के अनुसार, यहोवा परमेश्वर के द्वारा सिय्योन में स्थापित की गई व्यवस्था, यानी नई वाचा के द्वारा पापों की क्षमा दी गई।

… अत: चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी और फसह तैयार किया… जब वे खा रहे थे तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, “लो, खाओ; यह मेरी देह है।” फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पीओ, क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।” मत 26:17–28

परमेश्वर(यीशु) स्वयं शरीर में आए, और सिय्योन को और फसह के द्वारा नई वाचा को स्थापित किया। लोग, जो नई वाचा में हैं, पापों की क्षमा पाते हैं और परमेश्वर के लोग बनते हैं; और परमेश्वर उन लोगों के परमेश्वर बनते हैं जो नई वाचा में हैं, यानी जो सिय्योन में हैं।

सभी आशीषों की प्रतिज्ञा जो बाइबल में दर्ज की गई है, सिर्फ उन लोगों को ही दी जाती है जो सिय्योन में हैं। इसलिए, हम तब ही उद्धार पा सकते हैं जब हम सिय्योन में हैं, सिय्योन में रहनेवाले परमेश्वर से मिलते हैं, और नई वाचा की व्यवस्था में हैं जिसे परमेश्वर सिय्योन में सिखाते हैं। यह बाइबल की शिक्षा है।

शरीर में परमेश्वर जो सिय्योन को स्थापित करते हैं

बहुत बार, पुराने नियम के नबियों ने बहुत सी भविष्यवाणियां कीं कि यीशु आकर सिय्योन को स्थापित करेंगे।

और सिय्योन के विषय में यह कहा जाएगा, “अमुक अमुक मनुष्य उस में उत्पन्न हुआ था।” और परमप्रधान(परमेश्वर) आप ही उसको स्थिर रखे। भज 87:5

तू उठकर सिय्योन पर दया करेगा… क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को फिर बसाया है, और वह अपनी महिमा के साथ दिखाई देता है। भज 102:13–16

क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को अपनाया है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है: “यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूंगा, क्योंकि मैंने इसको चाहा है”… देखो, यह क्या ही भला और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें! यह तो उस उत्तम तेल के समान है, जो हारून के सिर पर डाला गया था, और उसकी दाढ़ी पर बहकर, उसके वस्त्र की छोर तक पहुंच गया। यह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है! यहोवा ने तो वहीं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है। भज 132:13–133:3

अनन्त जीवन की आशीष सिर्फ सिय्योन में ही प्रदान की जाती है। तब क्या कारण है कि अनन्त जीवन की आशीष सिय्योन में दी जाती है? इसका कारण यह है कि परमेश्वर जो शरीर में आए, सिय्योन में निवास करते हैं।

यीशु भविष्य में आकर सिय्योन स्थापित करेंगे और नई वाचा की व्यवस्था सिखाएंगे, इसके संबंध में पुराने नियम के समय में सभी नबियों जैसे कि दाऊद जिसने परमेश्वर के आत्मा से प्रेरित होकर भजन संहिता की पुस्तक लिखी, यशायाह, यिर्मयाह इत्यादि ने लिखा कि परमेश्वर स्वयं सिय्योन का निर्माण करेंगे, व्यवस्था स्थापित करेंगे और उद्धार देंगे।

लोग जिन्होंने परमेश्वर को स्वीकार किया और लोग जिन्होंने परमेश्वर का इनकार किया

प्रथम चर्च में प्रेरितों ने महसूस किया कि सिय्योन के राजा यहोवा जिनकी भविष्यवाणी पुराने नियम में की गई थी, यीशु के रूप में आए।

… इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है: “देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्जित नहीं होगा।” अत: तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उनके लिये “जिस पत्थर को राजमिस्रियों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया,” और “ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है,”… 1पत 2:4–8

“सिय्योन में कोने के सिरे का बहुमूल्य पत्थर” यहोवा को दर्शाता है। जब यहोवा सिय्योन के राजा के रूप में शरीर में इस पृथ्वी पर आए, तब वह उन लोगों के लिए जिन्होंने उन्हें स्वीकार किया, बहुमूल्य पत्थर बने, लेकिन उनके लिए जिन्होंने उन पर विश्वास नहीं किया, वह ठोकर का पत्थर और फन्दा और जाल बने।

सेनाओं के यहोवा ही को पवित्र जानना; उसी का डर मानना, और उसी का भय रखना। और वह शरणस्थान होगा, परन्तु इस्राएल के दोनों घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान, और यरूशलेम के निवासियों के लिये फन्दा और जाल होगा। और बहुत से लोग ठोकर खाएंगे, वे गिरेंगे और चकनाचूर होंगे; वे फन्दे में फंसेंगे और पकड़े जाएंगे। यश 8:13–15

यद्यपि यीशु के बारे में बाइबल में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ था, लेकिन उन दिनों के धार्मिक नेता यीशु के पास नहीं आना चाहते थे जो परमेश्वर थे। उन्होंने यीशु को शरीर पहने देखकर सताया और कहा, “एक मनुष्य कैसे परमेश्वर हो सकता है?” उन्होंने महसूस नहीं किया कि यीशु जिन्हें वे सता रहे थे, सिय्योन के राजा यहोवा परमेश्वर ही थे जिनका वे भय मानते थे और जिनसे मिलने का वे बहुत अधिक इंतजार करते थे।

अगर वे यीशु से मिलते और उनके द्वारा सिखाई गई नई वाचा की व्यवस्था में भाग लेते, तो वे अनन्त जीवन पाते थे, लेकिन वे इस विचार से बंधे थे कि “परमेश्वर कभी मनुष्य के रूप में नहीं आ सकते।”(यूह 10:30–33 संदर्भ)

तुम पवित्रशास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। यूह 5:39–40

उन दिनों के शास्त्री और व्यवस्थापक जानते थे कि बाइबल(पुराना नियम) में लिखी गई अनन्त जीवन की आशीष सिय्योन में दी जाती है। लेकिन उन्होंने महसूस नहीं किया कि वे अनन्त जीवन तक तभी पहुंच सकते हैं जब वे शरीर में आए परमेश्वर को स्वीकार करेंगे और उनकी शिक्षाओं को प्राप्त करेंगे।

परमेश्वर जिनकी पुराने नियम के सभी नबियों ने गवाही दी थी और अभिलाषा की थी, वह यहोवा परमेश्वर थे जो सिय्योन में उद्धार देते थे। लेकिन जब यहोवा इस पृथ्वी पर दीन–हीन मानव शरीर में आए, तब वे उन्हें नहीं पहचान सकते थे।

अनन्त जीवन सिर्फ परमेश्वर के पास है। सिर्फ परमेश्वर ही पापों को क्षमा कर सकते हैं। यदि यीशु यहोवा परमेश्वर नहीं होते, तो वह हमें उद्धार या अनन्त जीवन नहीं दे सकते थे।

दूसरी बार आनेवाले मसीह जो सिय्योन को पुन: स्थापित करेंगे

यशायाह नबी ने प्रकाशन के द्वारा पर्व के नगर सिय्योन को देखा। यह लिखा था कि भविष्य में यहोवा परमेश्वर स्वयं शरीर में आएंगे और सिय्योन स्थापित करेंगे और सिय्योन के राजा बनेंगे। और वह परमेश्वर यीशु के नाम से आए और उस चर्च का निर्माण किया जिसमें नई वाचा के पर्व मनाए जाते हैं और जो उद्धार की ओर लोगों का नेतृत्व करता है। इसलिए सिय्योन में रहनेवाले परमेश्वर मसीह ही थे जो शरीर में इस पृथ्वी पर आए। प्रथम चर्च के संतों और प्रेरितों ने विश्वास किया कि यीशु जिन्होंने सिय्योन का निर्माण किया, यहोवा परमेश्वर हैं।

सिय्योन के राजा यीशु के नई वाचा के पर्वों को स्थापित करने और स्वर्गारोहण होने के बाद, प्रेरितों के द्वारा नई वाचा के सुसमाचार का प्रचार बहुत से लोगों को किया गया। लेकिन प्रेरितों के युग के अन्त से अधर्म चर्च में घुसपैठ करने लगा। इसलिए प्रेरित पौलुस ने इस प्रकार लिखा;

… किसी रीति से किसी के धोखे में न आना, क्योंकि वह दिन न आएगा जब तक धर्म का त्याग न हो ले, और वह पाप का पुरुष अर्थात् विनाश का पुत्र प्रगट न हो। जो विरोध करता है… क्योंकि अधर्म का भेद अब भी कार्य करता जाता है, पर अभी एक रोकनेवाला है, और जब तक वह दूर न हो जाए वह रोके रहेगा। 2थिस 2:1–12

सभी प्रेरितों की मृत्यु के बाद, अधर्म चर्च में घुस आया और नई वाचा के सभी नियम और व्यवस्थाओं को निकाल दिया जो परमेश्वर ने स्वयं स्थापित किए थे, इसलिए चर्च अधर्म से भर गया। सिय्योन की व्यवस्था, यानी नई वाचा का सुसमाचार जिसे परमेश्वर ने स्वयं शरीर में आकर स्थापित किया था, पृथ्वी से गायब हो गया। सिय्योन उजड़ गया।

प्रेरित यूहन्ना ने पतमुस नामक टापू में प्रकाशन में देखा कि मसीह के द्वारा स्थापित चर्च ऑफ गॉड के साथ क्या होगा। वह संतों की पीड़ा और सिय्योन की व्यवस्थाओं को उजड़ते देखकर रो पड़ा। क्योंकि सिय्योन की व्यवस्था की पुन:स्थापना के बिना कोई भी उद्धार नहीं पा सकता। मगर उसने यह भी देखा कि उजड़ा हुआ सिय्योन दाऊद के मूल के द्वारा फिर से स्थापित किया जाएगा।

“मत रो; देख, यहूदा के गोत्र का वह सिंह जो दाऊद का मूल है, उस पुस्तक को खोलने और उसकी सातों मुहरें तोड़ने के लिये जयवन्त हुआ है।” प्रक 5:5

कुछ समय बाद, यूहन्ना ने एक अद्भुत प्रकाशन देखा। उसने देखा कि सिय्योन फिर से स्थापित होगा।

फिर मैं ने दृष्टि की, और देखो, वह मेम्ना सिय्योन पहाड़ पर खड़ा है, और उसके साथ एक लाख चौवालीस हजार जन हैं, जिनके माथे पर उसका और उसके पिता का नाम लिखा हुआ है। प्रक 14:1

सिर्फ 2,000 वर्ष पहले नहीं, लेकिन इस युग में भी, परमेश्वर शरीर में इस पृथ्वी पर आए हैं और सिय्योन और नई वाचा को पुन: स्थापित किया है, जिसके द्वारा वह सिय्योन के राजा बने हैं। लोग जो उद्धार पाना चाहते हैं, उन्हें परमेश्वर से मिलना चाहिए जो सिय्योन में शरीर में निवास करते हैं। और हम तभी उद्धार की ओर बढ़ सकते हैं जब सिय्योन में स्थापित की गई नई वाचा की व्यवस्था के द्वारा हमारे पापों को क्षमा किया जाएगा।

2,000 वर्ष पहले, जब परमेश्वर सिय्योन के राजा के रूप में इस पृथ्वी पर शरीर में आए, तब वह उन लोगों के लिए जिन्होंने उन्हें स्वीकार किया, बहुमूल्य पत्थर बने, लेकिन उन लोगों के लिए जिन्होंने उन पर विश्वास नहीं किया, फन्दा और जाल बने। हमें उनकी पिछली गलतियों को नहीं भूलना चाहिए कि वे मनुष्य के इस स्थिर विचार के कारण उद्धार पाने में नाकाम हो गए कि “परमेश्वर मनुष्य के रूप में कभी नहीं आ सकते,” और हमें सिय्योन के राजा से मिलकर उद्धार पाना चाहिए जिन्होंने इस युग में सिय्योन को फिर से स्थापित किया है और जो हमें अनन्त जीवन देते हैं।

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