अपनी नानी का मन समझने वाला सुंदर मन

चांगवन, कोरिया से इ सुन ओक

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मेरी एक भतीजी है जिसका मन बहुत सुंदर है। वह ईमानदारी से अपनी नानी की देखभाल करती है। वह अपनी नानी के लिए समय-समय पर पसंदीदा स्नैक्स, मीठे आलू, आलू और संतरे और कुछ स्वादिष्ट चीज़ खाने को कहकर, साल में तीन बार पैसे भेजती है।

इस दयालु भतीजी के लिए पिछला साल बहुत मुश्किल समय था। वह शादी करने के बाद लंबे समय से निःसंतान थी, इसलिए वह व्यथित हुआ करती थी। तब वह मुश्किल से गर्भधारण कर सकी, लेकिन जन्म देने से ठीक पहले उसने बच्चे को खो दिया। खबर सुनकर, शोक करने का समय लिए बिना मैं अस्पताल गई जहां मेरी भतीजी थी। मेरी भतीजी यह कहकर बहुत दुखी हुई कि वह नौ महीने तक अपने अंदर शिशु का पालन-पोषण करके केवल उसे स्वस्थ स्थिति में देखने के लिए इंतजार कर रही थी।

“मौसी, भले ही मैंने अपनी बच्ची का चेहरा नहीं देखा लेकिन मुझे उसकी बहुत याद आती है। तब मेरी नानी को मेरी मम्मी की कितनी याद आती होगी?”

उसकी मां, मेरी छोटी बहन है। उस समय, मेरी मां और मैं काफी लंबे समय से मेरी छोटी बहन के साथ संपर्क नहीं कर सकी थी। क्योंकि उसने कुछ कारण से हमें गलत समझकर हमसे मुंह मोड़ लिया था। मेरी भतीजी ने कहा कि जब उसकी मां उसे देखने के लिए अस्पताल आएगी तब वह अपनी मां को अपनी नानी और मुझ से मिलने के लिए मनाएगी।

उसके लिहाज़ की बदौलत, मेरी मां और मैं अपनी छोटी बहन से मिल सकी। चूंकि हम नहीं जानती थी कि उसे कैसा लगेगा, हम उसे नमस्कार करने से सावधान रहीं, लेकिन हम उसे देखकर बहुत खुश थीं। मुझे आशा है कि वह दिन जब वह अपना मन खोलेगी, जल्द ही आए।

बाद में, मेरी भतीजी की दो जुड़वा बेटियां हो सकीं। मुझे मेरी भतीजी पर गर्व है जिसने कठिनाई पर काबू पा लिया है। इस तरह की कठिनाई के बीच में भी अपनी नानी के मन को समझने के लिए मैं अपनी भतीजी के प्रति आभारी हूं। मेरी प्यारी भतीजी, मैं तुमसे प्रेम करती हूं, और मुझे तुम पर गर्व है।