
कंधों के नीचे तक आनेवाले लंबे बाल, दाढ़ी, डेनिम जींस, धूप का चश्मा और काऊबॉय बूट्स! सत्य प्राप्त करने से पहले मैं ऐसा था। मैंने अपने बाल और दाढ़ी को बढ़ने दिया क्योंकि उस वक्त मैं एक फिल्म की शूटिंग कर रहा था। मैंने एक अभिनेता के रूप में काफी सारी फिल्मों में काम किया था और मैंने खुद एक या दो फिल्में बनाई थीं। मुझे अपनी प्रतिभा से संतुष्टि होती थी और मैं अपने मानदंड के अनुसार जीवन जीता था, बिना इस बात की परवाह किए कि लोग किस नजरिए से मुझे देखते हैं।
लेकिन जब धर्म की बात आती थी, मेरी स्थिति अलग थी। भले ही मैं परमेश्वर पर विश्वास और बाइबल जानने का दावा करता था, फिर भी जब कभी मैं बाइबल पढ़ता था, मुझे कुछ समझ नहीं आता था। हालांकि मेरे पादरी ने मुझे बाइबल का वचन नहीं सिखाया था, फिर भी मैं परमेश्वर से अधिक उस पर विश्वास करता था, लेकिन न जाने क्यों अक्सर मुझे बेचैनी या घुटन जैसी महसूस होती थी और किसी चीज की कमी महसूस होती थी।
एक दिन मेरे विश्वविद्यालय के दिनों के पुराने दोस्तों में से एक ने मुझे फोन किया। फोन पर बातचीत के दौरान उसने चर्च के बारे में बात करना शुरू किया। उसने मुझे बताया कि मुझे अपने चर्च में अनन्त जीवन प्राप्त नहीं होगा। उस दिन से मेरा दोस्त और मैं अक्सर बाइबल और चर्च के बारे में बातें करते थे।
एक दिन उसने कहा कि वह मुझसे मिलने आएगा। लेकिन मैंने उससे कहा कि मैं जाऊंगा, और मैं चर्च ऑफ गॉड चला गया जो उसका चर्च था। वह चर्च बहुत स्वच्छ था और वहां के लोग बहुत दयालु और विनम्र थे। मुझे सब कुछ नया–नया और अच्छा लग रहा था, लेकिन मैंने चर्च के प्रति अपनी भावना को जाहिर नहीं किया। मैंने अपनी घड़ी देखी और अपने दोस्त से कहा, “मेरे पास 15 मिनट हैं,” और वहां बैठ गया। और उस वक्त किसी ने मुझसे कुछ सवाल पूछे। उन सवालों में से एक सवाल ने मुझे हंसा दिया, “क्या आपको पापों की क्षमा प्राप्त हुई है?” किसी तरह खुद की हंसी पर काबू पाकर मैंने सोचा, ‘मैं कई वर्षों से चर्च जा रहा हूं! यदि मुझे पापों की क्षमा नहीं मिली है, तो किसके पास पापों की क्षमा हो सकती है?’
मगर बाइबल का अध्ययन करने के बाद, मैं मन ही मन शक्तिहीन और बड़ी उलझन महसूस करने लगा। पहले ही एक घंटा बीत चुका था, लेकिन मैं और अधिक वचनों को सुनना चाहता था। जिस दौरान मैं वचन पढ़ने की अपनी इच्छा को छिपाने की कोशिश कर रहा था, उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं माता परमेश्वर के बारे में जानता हूं।
“क्या आपने कहा कि हमारे पास माता परमेश्वर है? आप क्या बात कर रहे हैं? केवल एक ही परमेश्वर है! बिना झिझके आप कैसे कह सकते हैं? यदि माता परमेश्वर है, तो मुझे बताओ!”
मैंने अपना आपा खो दिया और उस पर चिल्लाया। लेकिन उन माता परमेश्वर के बारे में अध्ययन करने के बाद जिनकी स्पष्ट रूप से बाइबल में गवाही दी गई है, मेरे दिमाग ने सोचना बंद कर दिया। मुझे यह सोचकर अचानक डर महसूस होने लगा कि मैं कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण बात खो रहा हूं। मुझे ऐसे लगा जैसे कि मैं पीछे रह जाऊंगा और मेरे सामने स्वर्ग के राज्य का फाटक बंद हो जाएगा।
चर्च का परिचय वीडियो देखने के दौरान, मैं अपने मन में अनजाने में चिल्ला उठा, “माता!” वीडियो में उन लोगों की तरह स्वर्गीय माता की बाहों में लिपटने की इच्छा मेरे मन में उमड़ आई और मैं शांत नहीं रह सका। मेरा अहंकार चला गया, और मेरा हृदय परमेश्वर के प्रति आदर की भावना से भरने लगा। मैं और अधिक अध्ययन करना चाहता था, लेकिन मुझे अगले दिन का अपॉइंटमेंट लेना पड़ा, क्योंकि उस दिन मेरे पास और समय नहीं बचा था।
उस रात मैं सो नहीं सका। रात भर मैं उमड़ती खुशी और साथ ही भय के घेरे में रहा। जब दिन निकल आया, तो मैंने सभी काम एक तरफ कर दिए और सीधे चर्च ऑफ गॉड पहुंचा। उस दिन मैंने स्वर्गीय पिता के बारे में जो इस पृथ्वी पर दूसरी बार आए थे, बाइबल की अद्भुत भविष्यवाणियों का अध्ययन किया, और मैं तुरंत एलोहीम परमेश्वर की सन्तान बन गया।
सच्चे परमेश्वर को स्वीकार करने के बाद, शारीरिक और मानसिक रूप से मुझे एक नया मनुष्य बनने जैसा महसूस हुआ और ऐसे लगा जैसे कि परमेश्वर का जीवित श्वास मेरे हृदय, हड्डियों, मज्जे इत्यादि मेरे पूरे शरीर में भर गया हो। बाइबल के वचनों पर मैंने अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया, और कुछ दिनों के बाद मैंने सिय्योन में तीन लोगों का नेतृत्व किया। इस अभिमानी और पापी सन्तान को गले लगाने के लिए माता को धन्यवाद देते हुए मुझे अपनी आत्मा में सच्ची शांति महसूस हुई।
जब मुझे सत्य का मूल्य महसूस हुआ, मुझे अपने पुराने चर्च के लोगों की याद आई। चूंकि वे सत्य को अभी तक नहीं जानते थे, इसलिए मैंने उन सभी का सिय्योन की ओर नेतृत्व करने का संकल्प किया और यत्न से उन्हें वचन का प्रचार किया। पहले मुझे लगा कि चूंकि सभी शिक्षाएं बाइबल से हैं, इसलिए उन सभी को जल्दी सत्य का एहसास हो जाएगा। लेकिन वास्तविकता अलग थी। उनमें से कुछ लोग स्वर्गीय परिवार के सदस्य बन गए, लेकिन बहुत लोगों ने मेरा उपहास किया और मेरा विरोध किया। जब मैंने उन्हें स्पष्ट सत्य को असत्य कहते हुए देखा, मैं समझ सका कि पिता और माता ने जब इस पृथ्वी पर हमें बचाने आए थे, कितना दुख सहन किया होगा और उन्होंने हमसे कितना प्रेम किया। मेरी भावनाएं उमड़ आईं और मेरा गला भर आया। मेरा मन खोलकर मुझे सत्य समझाने के लिए मैंने पिता और माता को धन्यवाद दिया, और दूसरी ओर मुझे उन लोगों के लिए खेद महसूस हुआ जिन्होंने सच्चे परमेश्वर को प्राप्त नहीं किया।
बेशक, कुछ कठिनाइयां मुझ पर आ पड़ीं, लेकिन मुझे सत्य का प्रचार करने में कभी कोई शर्म नहीं आई। पूरे अंतरिक्ष पर शासन करने वाले सर्वशक्तिमान परमेश्वर की सन्तान के रूप में मैं विश्वास में स्थिर खड़ा रहा और मैंने साहसपूर्वक सुसमाचार का प्रचार किया। तब पिता और माता ने मुझे बहुत फल पैदा करने की आशीषें उंडेल दीं।
धन्यवाद की बात है कि अधिकांश आत्माएं जिनका सत्य की ओर मार्गदर्शन किया गया है, सुसमाचार के सेवकों के रूप में आगे बढ़ गई हैं और अब वे ईमानदारी से अपने मिशन को पूरा कर रहे हैं। मेरे सह–अभिनेताओं में से एक ने परमेश्वर की मदद से सत्य प्राप्त किया जब वह जल्द ही धर्मशास्त्रीय विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होने जा रहा था, और अब वह अपने सुसमाचार के कर्तव्य को पूरा कर रहा है। भले ही मुझ में कमी थी, परमेश्वर ने मेरा मुंह खोला, और मुझे ज्यादा भाई–बहनों का सिय्योन की ओर मार्गदर्शन करने दिया। जब मैं देखता हूं कि वे हाउस चर्च को संचालित करते हैं, गायक–मंडली के सदस्यों के रूप में परमेश्वर की प्रशंसा करते हैं, पियानो बजाकर गायक–मंडली का साथ देते हैं और अनुग्रहपूर्वक आराधना करते हैं, तो मैं बहुत अधिक पिता और माता को धन्यवाद देता हूं।
एक ऐसी व्यक्ति है जिसने सिय्योन में आने तक मुझे बेहद तकलीफें दीं। वह मेरी पत्नी थी। मेरी पत्नी समय–समय पर प्रोटेस्टैंट चर्च जाती थी, लेकिन काफी हैरत की बात थी कि जब कभी मैं बाइबल के बारे में बात करने की कोशिश करता था, वह मुझ पर बहुत गुस्सा करती थी। सौभाग्यवश, मेरा बेटा तुरंत सत्य को समझ गया भले ही वह छोटा था, और वह मेरे साथ अपनी मां के लिए प्रार्थना करता था। एक साल तक प्रार्थना करने के बाद, आखिरकार मेरी पत्नी सिय्योन आ गई। उसके बाद, मुझे पता चला कि क्यों उसने मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया जिसे मैं समझ नहीं सका। मैंने सुना कि उसके चर्च के पादरी ने उसे मेरी बात कभी न सुनने के लिए कहा था। ऐसी बाधाओं के बावजूद मेरी पत्नी की सुरक्षित रूप से सिय्योन में अगुवाई करने के लिए मैंने बार–बार परमेश्वर को धन्यवाद दिया। मेरी पत्नी विश्वास में आगे बढ़ गई है और अब सुसमाचार के कार्य में मदद करती है। मैंने बड़ी बेसब्री से आशा और प्रार्थना की थी कि मेरा पूरा परिवार परमेश्वर का कार्य करे। मैं बहुत खुश और शुक्रगुजार हूं कि परमेश्वर ने मेरी प्रार्थना का उत्तर दिया।
पिता और माता जरूर मेरी प्रार्थनाओं का उत्तर देते हैं। जब से मैंने सत्य को प्राप्त किया, तभी से मैंने कई वर्षों तक प्रार्थना की कि मेरे गांव में भी सुसमाचार का प्रचार हो जाए। यह सपना सच हो गया। वर्ष 2014 की गर्मियों में सिय्योन में एक प्रचार के समारोह का आयोजन किया गया था, और हमने कई अलग–अलग क्षेत्रों में प्रचार शुरू किया था। उस समय मैं उस शॉर्ट टर्म मिशन टीम में शामिल हो गया था जो उस समय पहली बार बनाई गई थी। टीम के सदस्यों के साथ दो सप्ताहों तक बिना आराम किए साहसपूर्वक प्रचार करने के दौरान मैं 22 आत्माओं का नेतृत्व सिय्योन में कर सका। शॉर्ट टर्म मिशन के पहले दिन वसंत ऋतु का दिन होने के बावजूद बहुत बर्फबारी हुई थी, और बस पहाड़ के शिखर तक नहीं पहुंच सकी। अंतत: हम सभी बस से उतर गए और पतले कपड़ों में तीन घंटों तक बर्फ से ढके शिखर तक पैदल चढ़ाई की। अब वहां पर एक हाउस चर्च संचालित हो रहा है। एक बहन जो अब वहां हाउस चर्च को संभाल रही है, पहले एक प्रोटेस्टैंट हाउस चर्च चलाती थी। न केवल बहन को सत्य समझ आया, बल्कि उसकी पांच बेटियां और उसकी मां भी जिसकी आयु 80 वर्ष से अधिक है, परमेश्वर की सन्तान बन गईं।
ऐसी महान आशीष मेरी शक्ति के द्वारा कभी भी प्राप्त नहीं हुई है। केवल इस बात को सोचते हुए कि बिना देर किए मुझे तुरंत इस बहुमूल्य समाचार का प्रचार करना चाहिए, मैंने केवल पिता और माता का पालन किया। जब मैं स्कूल में था, मुझे पढ़ाई में रुचि नहीं थी, और न ही मैं उसमें अच्छा था। फिर भी मैं संपूर्ण शक्ति परमेश्वर के वचन का अध्ययन करने में लगाकर तन–मन से जुट गया और वचन पढ़ते हुए मैंने कई पुस्तकों को एकदम समाप्त कर दिया। ऐसा मैंने पहले कभी नहीं किया था। जब कभी मैं उन पुस्तकों को देखता हूं, मैं महसूस कर सकता हूं कि मैं कितना आनंदपूर्ण था जब मैंने परमेश्वर की सत्य को प्राप्त किया। इस बात को देखते हुए कि मैं परमेश्वर में एक छोटे बच्चे की तरह कितना आनंदपूर्ण था और “सभी लोगों को प्रचार करो,” उनके इस वचन का पालन करने की कितनी कोशिश करता था, पिता और माता ने मुझे बहुत सारे तोड़ों से सांत्वना दी। मैं पिता और माता के प्रेम और अनुग्रह को अपने मन में अंकित करूंगा और एक नम्र मन के साथ विश्वास के मार्ग पर यत्न से दौड़ूंगा।
मुझे एक अभिनेता के रूप में काम करते हुए छोटी और बड़ी खुशी महसूस हुई थी और एक बार राष्ट्रपति का पुरस्कार प्राप्त हुआ था। लेकिन इस खुशी की तुलना उस खुशी के साथ नहीं की जा सकती जो सुसमाचार का प्रचार करते समय और स्वर्गीय पुरस्कारों को इकट्ठा करते समय प्राप्त होती है। यहां सिय्योन में मुझे अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी महसूस होती है।
चूंकि परमेश्वर ने मुझे अनंत जीवन की अनुमति दी, जो सर्वश्रेष्ठ इनाम है, मैं पूरी तरह से बदल जाऊंगा और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने तक सुसमाचार के काम के लिए मैं अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा। पिता और माता, मुझमें कई मायनों में कमी है, लेकिन असीम स्वर्गीय पुरस्कारों को प्राप्त करने के लिए कृपया इस पुत्र की मदद कीजिए।