
दिन रात अपनी संतानों के लिए प्रार्थना कर रही स्वर्गीय माता के अनुग्रह के द्वारा, भोपाल सिय्योन में बहुत से युवा सदस्य हैं। चूंकि पुरुष और स्त्री वयस्क सदस्य अदृश्य रूप से मदद करते हैं, इसलिए युवा सदस्य बिना किसी चिंता के ही नए सदस्यों की अगुवाई करते हुए सिर्फ सुसमाचार के कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसलिए हम एक दूसरे को अधिक मूल्यवान मानते हैं।
जब हम साथ मिलकर मीटिंग करते थे, हम स्वर्गीय पिता और माता से आग्रहपूर्वक प्रार्थना करते थे कि वे हमें सुसमाचार का मिशन पूरा करने दें। पिता और माता ने हमारी प्रार्थना सुनी और हमें बहुत सी बहुमूल्य आत्माओं की अगुवाई करने की आशीष दी। उनमें से एक बहन सुशीला हैं। पहले उनके लिए स्वर्गीय माता को स्वीकार करना मुश्किल था, परन्तु जब उन्होंने गलातियों 4:26 पढ़ा, “ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है,” तब उन्होंने सिर हिलाकर सहमति जताई और सत्य ग्रहण किया।
सत्य के प्रति आत्मविश्वासी होकर उन्होंने अपने पति को प्रचार किया। उसके पति सोचते थे कि सभी चर्च कारोबार के साधन के रूप में चलाए जाते हैं। उनके मन में चर्च की अच्छी छवि नहीं थी, लेकिन अन्त में वह सिय्योन में आए और हमारे भाई बने। वह भाई रवि हैं। उन्होंने बहुत सी धार्मिक पुस्तकों को पढ़ा, फिर भी संपूर्ण सत्य न पाने के कारण उनकी आत्मिक प्यास न बूझ सकी। लेकिन बाइबल की भविष्यवाणियां और उनकी पूर्णता, दूसरी बार आनेवाले मसीह और माता परमेश्वर के बारे में अध्ययन करके वह आखिर में एलोहीम परमेश्वर की संतान बने। उनके साथ वचन का प्रचार करते हुए मैंने स्वर्गीय पिता के बलिदान को और अधिक महसूस किया। चूंकि वह वृद्ध हैं, उनका शरीर कमजोर है। उन्हें देखकर मैंने यह अनुमान लगाया कि स्वर्गीय पिता ने कैसे सुसमाचार का प्रचार किया था। भाई रवि ने अपने जान–पहचान वालों को प्रचार किया, लेकिन अफसोस की बात थी कि उन्होंने सत्य से इनकार किया या उसे महसूस नहीं किया। लेकिन फिर भी भाई रवि ने अधिक से अधिक सत्य का प्रचार करने की कोशिश की। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी पूरी ईमानदारी से सिय्योन में सेवा भी की। समय बीतने के बाद भी वह वैसे ही बने रहे।
अगले वर्ष 2014 में भाई रवि ने चाना में प्रचार किया जहां पहले उन्होंने रेडियो प्रसारण केंद्र में काम किया था। एक बार उन्होंने पूछा कि क्या कोई सिय्योन का सदस्य सत्य को गहराई से सिखाने के लिए उनके साथ वहां जा सकता है? चाना भोपाल से लगभग 650 किलोमीटर दूर था। वहां जाने के लिए हमने ट्रेन में छह घंटे का सफर किया और फिर गाड़ी में चार घंटे का सफर तय किया। लेकिन हम उस दूरदराज के क्षेत्र में भी अपने भाइयों और बहनों को खोजने के बारे में ही सोचकर बहुत खुश हुए।
जब हम वहां पहुंचे, तब लगभग तीस लोग सुसमाचार सुनने के लिए इकट्ठे हुए, और उनमें से दो लोगों ने स्वर्ग की आशा रखते हुए नया जीवन प्राप्त किया। भाई रवि यह देखने के लिए बहुत उत्सुक थे कि परमेश्वर चाना में कौन सा चमत्कार करेंगे। चाना में ढूंढ़े गए भाई–बहनों की संख्या जल्दी ही बढ़कर 8 से अधिक हुई।
जब तक इन आत्माओं के पास सत्य न पहुंच गया, तब तक हमने कठिनाई, दर्द और त्याग–बलिदान सह लिए। फसह के पर्व से पहले चाना की ओर जाने वाला मार्ग अस्थाई रूप से बन्द हो गया था‚ लेकिन माता के अनुग्रह के द्वारा ही चाना के भाई–बहनें फसह का पर्व मनाने के लिए सबसे नजदीकी जबलपुर सिय्योन में गए और शांति से फसह का पर्व मनाया। उनके लिए बहुत से सदस्यों ने परमेश्वर से अवश्य ही आग्रहपूर्वक प्रार्थना की होगी। उसके बाद हमने चाना से अच्छा समाचार सुना कि बहुत अधिक सदस्य सत्य ग्रहण करने के लिए तैयार हैं। एक पति जो अपनी पत्नी के विश्वास का विरोध किया करता था, वह स्वर्गीय परिवार का सदस्य बन गया है और वचन का अध्ययन करने और सुसमाचार का प्रचार करने के लिए उत्सुक रहता है।
2016 में मैंने सुना कि चाना में करीब 40 भाई–बहनें ढूंढ़े गए हैं। चाना में शॉर्ट टर्म मिशन में भाग लेते हुए मैंने महसूस किया कि हर सदस्य को बिल्कुल भी आसानी से खोजा नहीं गया है। वे नए खोजे हुए सदस्य नम्र और उन परमेश्वर के प्रति आभार से भरे हुए थे जिन्होंने उन्हें उद्धार का शुभ संदेश सुनने की अनुमति दी है। चाना में अब भी बहुत सी आत्माएं स्वर्गीय माता की संतान बनने का इंतजार कर रही हैं।
मैं फिर से पिता और माता को धन्यवाद देता हूं जो सब कामों का संचालन करते हैं। भले ही सुसमाचार के परिणाम तुरन्त नहीं दिखते, लेकिन पिता और माता में हमारे द्वारा किए गए सभी प्रयास व्यर्थ नहीं जाएंगे। पिता और माता परमेश्वर बारीकी से हमारे हृदयों को जांचते हैं और हर चीज में हमारी मदद करते हैं। आज भी मैं चाना सिय्योन के भाइयों और बहनों के लिए प्रार्थना करता हूं। स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने तक मैं अच्छे फल उत्पन्न करने का प्रयास करने से नहीं रुकूंगा।