18 अप्रैल, 2019

वर्ष 2019 फसह के पर्व, अखमीरी रोटी के पर्व और पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा

पर्वों के माध्यम से सारे लोगों के साथ पापों की क्षमा, अनंत जीवन और पुनरुत्थान की आशा को साझा किया जाएगा।

10,767 बार देखा गया

“इसलिए तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ… और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ : और देखो, मैं जगत के अंत तक सदा तुम्हारे संग हूं” मत 28:18-20

वर्ष 2019 के तीन बार के सात पर्व 18 अप्रैल(पवित्र कैलेंडर के अनुसार पहले महीने का चौदहवां दिन) की शाम को फसह के पर्व की पवित्र सभा से शुरू हुए। अगले दिन, 19 अप्रैल(पवित्र कैलेंडर के अनुसार पहले महीने का पंद्रहवां दिन) को अखमीरी रोटी का पर्व और 21 अप्रैल(अखमीरी रोटी के पर्व के बाद प्रथम विश्राम दिन का अगला दिन) को पुनरुत्थान का दिन मनाया गया। 175 देशों में चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने मसीह की आज्ञा के अनुसार नई वाचा के पर्वों में भाग लिया।

फसह के पर्व की पवित्र सभा : परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार प्राप्त करना

फसह में दो भाग हैं – पांव धोने की विधि और पवित्र भोज की विधि। पांव धोने की विधि एक ऐसी विधि है जिसमें हम मसीह के उदाहरण का अनुसरण करते हैं, जिन्होंने फसह की रोटी और दाखमधु लेने से पहले अपने चेलों के पांव धोए। “यदि मैं ने प्रभु और गुरु होकर तुम्हारे पांव धोए, तो तुम्हें भी एक दूसरे के पांव धोना चाहिए”(यूह 13:14–15)। सदस्यों ने पवित्र भोज की आराधना से पहले यीशु की इस शिक्षा के प्रति आज्ञाकारी होकर नम्र मन से पांव धोने के विधि में भाग लिया।

नई यरूशलेम फानग्यो मंदिर में फसह के पवित्र भोज की आराधना के दौरान, माता ने अपने हृदय की गहराई से पिता को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपनी संतानों को बचाने के लिए जो स्वर्ग में किए गए पापों के कारण अनंत मृत्यु के मार्ग की ओर जा रही थीं, अपना मांस और लहू देकर पापों की क्षमा दी। उन्होंने प्रार्थना की कि सदस्य फसह की रोटी और दाखमधु में निहित परमेश्वर के प्रेम का एहसास करें और जीवन के वचनों से आत्माओं को बचाने के महान प्रेम का अभ्यास करें।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने सदस्यों को फसह के अर्थ और मूल्य का स्मरण दिलाते हुए कहा, “यीशु ने हमें सिखाया है कि जो परमेश्वर का मांस और लहू प्राप्त करते हैं वे परमेश्वर की संतान बनकर अनंत जीवन प्राप्त कर सकते हैं। अनंत जीवन की आशीष फसह की रोटी और दाखमधु में निहित है।” और उन्होंने फसह के मूल्य पर जोर देते हुए कहा, “प्रेरित पतरस, यूहन्ना और पौलुस सहित प्रथम चर्च के सदस्यों ने फसह के मूल्य का पूरी तरह एहसास करने के बाद इस्राएल से आगे बढ़कर यूरोप में भी उद्धार के सत्य का प्रचार किया। आइए हम यीशु की इच्छा समझें, जिन्होंने हमारे उद्धार के लिए नई वाचा स्थापित की, और धन्यवाद के साथ फसह मनाएं”(लूक 22:7–15, 19–20; 1कुर 11:22–26; यूह 6:53–56; 2कुर 6:17–18; 1कुर 15:45–58)। सदस्यों ने फसह की रोटी और दाखमधु खाते और पीते हुए अपने मन पर परमेश्वर की इच्छा को अंकित किया।

आराधना के बाद, माता ने कहा, “सबसे बड़ा प्रेम नश्वर मनुष्यों का नेतृत्व अनंत जीवन की ओर करना है।” और उन्होंने सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे परमेश्वर के प्रेम और जिम्मेदारी की भावना के साथ सारी मानवजाति को उद्धार के समाचार का प्रचार करें।

अखमीरी रोटी के पर्व की पवित्र सभा : मसीह के दुख में सहभागी होना और उनके बलिदान को हमारे हृदयों पर उत्कीर्ण करना

फसह के द्वारा मानवजाति को पापों की क्षमा और उद्धार दिया जाने के लिए मसीह के बलिदान की आवश्यकता है। जिस दिन यीशु ने हमें हमारे पापों से छुड़ाने के लिए क्रूस पर दुख उठाया और अपना जीवन दे दिया, वह दिन अखमीरी रोटी का दिन है।

माता ने पिता को धन्यवाद की प्रार्थना चढ़ाई जिन्होंने स्वर्गीय संतानों का अनंत मृत्यु से जीवन के राज्य में नेतृत्व करने के लिए शरीर में होकर निंदा और अपमान सह लिया और उनके लिए उद्धार का मार्ग खोल दिया। उन्होंने उत्सुकता से प्रार्थना की कि संतान एहसास करें कि क्यों परमेश्वर को सारी पीड़ाओं को सहना पड़ा, और पश्चातापी मन और फिर कभी पाप न करने के संकल्प के साथ परमेश्वर का अनुग्रह लौटाएं।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “यीशु को हमारे अधर्मों और अपराधों के कारण दुख उठाना पड़ा। आइए हम यह स्मरण रखें कि मसीह ने हमें बचाने के लिए अपमान, कोड़े की सजा और क्रूस पर दर्द सहन किया, और स्वर्ग की आशा को न खोएं, ताकि मसीह के प्रेम और बलिदान व्यर्थ न हो जाएं।” उन्होंने जोर देकर कहा, “प्रेरित पौलुस ने यीशु के दागों को अपनी देह में लिए फिरा और क्रूस पर हुए मसीह के बलिदान को अपने मन पर अंकित करके खुद को सुसमाचार का प्रचार करने में समर्पित किया, आइए हम उसके समान आत्मिक पापियों की अगुवाई पश्चाताप की ओर करके ईसाइयों के रूप में ईमानदारी से अपना कर्तव्य पूरा करें”(लूक 23:26-46; यश 53:1-12; 1यूह 4:7-21; मत 27:27-50; गल 6:17)।

सदस्यों ने मसीह का धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें पापों की क्षमा और उद्धार देने के लिए क्रूस पर दुख सहन करते हुए खुद को बलिदान किया। यीशु ने कहा, “परन्तु वे दिन आएंगे जब दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा; उस समय वे उपवास करेंगे”(मर 2:20)। इस वचन के अनुसार, वे अखमीरी रोटी के पर्व में उपवास करते हुए मसीह की पीड़ा में सहभागी हुए।

पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा : मसीह के जी उठने के द्वारा दी गई पुनरुत्थान और रूपांतरण की आशा

पुनरुत्थान का दिन वह दिन है जिस दिन यीशु ने अपनी मृत्यु के बाद तीसरे दिन जी उठकर मृत्यु की शक्ति को तोड़ दी थी। 21 अप्रैल को, दुनिया भर में चर्च ऑफ गॉड के सदस्य पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा में सम्मिलित हुए और उन्होंने मसीह की महिमा का स्मरण किया जो 2,000 वर्ष पहले मरे हुओं में से जी उठे थे। मरे हुए में से जी उठकर मानवजाति को पुनरुत्थान की आशा देने के लिए माता ने पिता को धन्यवाद दिया; उन्होंने प्रार्थना की कि अपनी सभी संतानों की आत्मिक आंखें खुल जाएं ताकि वे सत्य के मूल्य और पुनरुत्थान की महिमा का एहसास करके आशा के साथ जी सकें।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “यीशु का पुनरुत्थान एक ऐतिहासिक घटना था जिसने न केवल उन्हें जो यीशु को क्रूस पर पीड़ा सहते हुए देखकर गहरे शोक में थे, परन्तु सभी मनवजाति को जो इस विचार से कि मृत्यु ही जीवन का अंत है निराशा में थीं, पुनरुत्थान और अनंत जीवन का दृढ़ विश्वास दिलाया।” तब उन्होंने पुनरुत्थान और रूपांतरण की अवधारणा समझाने के लिए सिकाडों और व्याध पतंगों के रूपांतरण का उदाहरण लिया। उन्होंने कहा, “मानव दृष्टिकोण से, पुनरुत्थान और रूपांतरण पर यकीन करना कठिन है, लेकिन परमेश्वर ने यीशु के मामले के द्वारा इसे साबित किया है। इसलिए आइए हम इस भविष्यवाणी पर विश्वास करें कि हम आत्मिक देह में बदल जाएंगे और स्वर्गीय दुनिया में अनंत जीवन और खुशी भोगेंगे, और दुनिया के सभी लोगों तक यह सुसमाचार पहुंचाएं ताकि हम एक साथ उस आशीष का आनंद ले सकें”(मत 28:1-10; 1कुर 15:17-24, 44-53; लूक 24:13-34; यूह 11:24-27; 1थिस 4:13-18; अय 25:4-6; यूह 20:1-19)।

आराधना समाप्त होने के बाद, माता ने पर्वों के सिद्धांत के विषय में विस्तार से समझाया; लोग जो फसह के द्वारा पापों की क्षमा और अनंत जीवन का वादा प्राप्त करते हैं, वे पुनरुत्थान और रूपांतरण की महिमा में भाग ले सकते हैं(1कुर 15:44–52)। उन्होंने सदस्यों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “परमेश्वर के अगाध प्रेम और बलिदान के द्वारा, हमने उद्धार प्राप्त किया है। आइए हम वैश्विक गांव में अपने पड़ोसियों के साथ उद्धार की आशीष का साझा करें।”

उस दिन जब मसीह जी उठे, वह इम्माऊस की ओर जा रहे दो चलों के सामने प्रकट हुए और उनकी आत्मिक आंखों को आशीषित की गई रोटी के द्वारा खोल दिया। सदस्यों ने मसीह के इस उदाहरण का पालन करते हुए पुनरुत्थान के दिन की रोटी खाई। सदस्य जिन्होंने बाइबल के अनुसार नई वाचा के पर्वों को मनाया, परमेश्वर के उद्धार और स्वर्ग की आशा के लिए आभारी होते हुए 7 अरब लोगों का अनंत जीवन की ओर नेतृत्व करने के लिए और अधिक प्रोत्साहित हो गए।