क्यों हमें सिय्योन में इकट्ठा होने के लिए प्रयास करना चाहिए

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जैसे माता-पिता तब खुश होते हैं जब उनकी संतान इकट्ठी होती हैं, ठीक वैसे ही परमेश्वर चाहते हैं कि उनके लोग इकट्ठे हों, और वह उन्हें आशीष देते हैं जब वे इकट्ठे होते हैं।

“फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिए एक मन होकर उसे मांगें, तो वह मेरे पिता की ओर से जो स्वर्ग में है, उनके लिए हो जाएगी। क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठा होते हैं, वहां मैं उनके बीच में होता हूं।” मत 18:19-20

परमेश्वर का वचन, “जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठा होते हैं, वहां मैं उनके बीच में होता हूं,” इसका मतलब यह नहीं है कि जब हम व्यक्तिगत रूप से प्रार्थना करते हैं तब परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का जवाब नहीं देते। इसका मतलब है कि हमें एकजुट होने के लिए प्रयास करने चाहिए। प्रेरितों ने भी संतों को अक्सर एक साथ इकट्ठा होने के लिए कहा था।

और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो त्यों-त्यों और भी अधिक यह किया करो। इब्र 10:25

इन शिक्षाओं के अनुसार, हम सिय्योन में, गायन सभाएं, बाइबल अध्ययन सभाएं, प्रचार सभाएं और इत्यादि आयोजित करते हैं। फिर, परमेश्वर ने अपनी संतानों को एक साथ इकट्ठा होने के लिए क्यों कहा है?

पहला, परमेश्वर हमें आशीष देना चाहते हैं।

प्रथम चर्च के संत परमेश्वर की आशीष के तहत बड़ी संख्या में आत्माओं को बचाने में सक्षम थे, क्योंकि उन्होंने एक साथ इकट्ठा होना जारी रखा था।

वे प्रतिदिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे, और घर-घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सीधाई से भोजन किया करते थे, और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उनसे प्रसन्न थे : और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था। प्रे 2:46-47

दूसरी ओर, ऐसे लोग भी थे जो आशीष प्राप्त नहीं कर सके क्योंकि वे एक साथ इकट्ठे नहीं हुए थे। यीशु अपने पुनरुत्थान के बाद अपने चेलों के सामने प्रगट हुए जो एक बैठक में उपस्थित थे। लेकिन, बारह चेलों में से एक, थोमा, बैठक में नहीं था। परिणामस्वरूप, उसने अस्थायी रूप से मसीह के पुनरुत्थान को नकारने की गलती की(यूह 20:19-25)। हमें अक्सर एक साथ इकट्ठा होना चाहिए, ताकि हम परमेश्वर की आशीष प्राप्त कर सकें और अपना विश्वास बनाए रख सकें।

दूसरा, परमेश्वर चाहते हैं कि हम शैतान की निंदाओं पर जय पाएं।

इस युग में जब आत्मिक युद्ध चल रहा है, हमारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले सिंह के समान किसी को फाड़ खाने की खोज में रहता है; वह हमारी आत्माओं को विनाश की ओर ले जाना चाहता है(1पत 5:8)।

एक गर्जनेवाला सिंह झुंड से अलग भटक रहे सबसे कमजोर जानवर को निशाना बनाता है। उसी तरह, शैतान कमजोर लोगों की आत्माओं को निशाना बनाता है, जो समूह से अलग होकर भटक रहे हैं। शैतान की निंदाओं पर जय पाने के लिए हमें एकता में इकट्ठा होने का और अधिक प्रयास करना चाहिए।

तब, परमेश्वर के लोगों को एक साथ कहां इकट्ठा होना चाहिए?

वह सिय्योन है, जहां परमेश्वर के पर्व मनाए जाते हैं(यश 33:20)। परमेश्वर सिय्योन में निवास करते हैं और जो सिय्योन में हैं, उन पर आशीष बरसाते हैं।

क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को अपनाया है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है : “यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान है; यहीं मैं रहूंगा, क्योंकि मैंने इसको चाहा है।” भज 132:13-14

देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहे! यह तो उस उत्तम तेल के समान है, जो हारून के सिर पर डाला गया था, और उसकी दाढ़ी पर बहकर, उसके वस्त्र की छोर तक पहुंच गया। यह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है! यहोवा ने तो वहीं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है। भज 133:1-3

इस प्रकार, हमें परमेश्वर का निवासस्थान, सिय्योन में एक साथ इकट्ठा होने के लिए प्रयास करना चाहिए, जहां हम अनंत जीवन की आशीष पा सकते हैं।

जैसे कि अब तक हमने अध्ययन किया है, हमें सिय्योन में एक साथ इकट्ठा होने के लिए प्रयास करना चाहिए, ताकि हम परमेश्वर से आशीषों को प्राप्त कर सकें और सुसमाचार का कार्य पूरा कर सकें। तीसरे दिन की आराधना, सब्त की आराधना, वार्षिक पर्व और सिय्योन में आयोजित सभी बड़ी और छोटी सभाओं में परमेश्वर का प्रेम शामिल है जो हमें बहुत आशीष देना चाहते हैं। आइए हम परमेश्‍वर की इस इच्छा को अपने मन में रखकर सिय्योन में एक साथ इकट्ठे होने और प्रेम में एकजुट होने का प्रयास करें, और सुसमाचार का कार्य पूरा करें।

पुनर्विचार के लिए प्रश्न
1. हमें परमेश्वर की आशीषों को प्राप्त करने के लिए कहां इकट्ठा होना चाहिए?
2. परमेश्वर के ऐसा कहने का कारण क्या है कि हम एक साथ इकट्ठे होने के लिए प्रयास करें?