एक अनाड़ी चरवाहे का एहसास

हॉस्टन, टेक्सास, अमेरिका से एलन सेलर

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मैं अमेरिका में सबसे ठंडे उत्तरी राज्यों में से एक राज्य में पैदा और बड़ा हुआ, जहां सर्दियों में तापमान माइनस 40 डिग्री सेलसियस होता है। गर्मियों में तापमान 38 डिग्री सेलसियस तक पहुंच जाता है। मेरे करीबी पड़ोसी 1.6 किमी(1 मील) दूर रहते थे, इसलिए मुझे उन सब को जानने का मौका कभी नहीं मिला।

उत्तर डेकोटा में मेरे पिताजी का एक खेत था, जहां वह खेती करते थे और सुअर, गाय–बैल, घोड़े, मुर्गियां और पीरू पालते थे।

एक बार मैंने पिताजी से पूछा कि भले ही खुला मैदान है और लंबी सर्दियों में चराई के लिए पर्याप्त सूखी घास है, लेकिन क्यों वह किसी भेड़ को नहीं पालते। उन्होंने कहा कि भेड़ उस तरह का पशु नहीं है जिसकी देखभाल करने में उन्हें आनन्द होता है। मेरे पास भेड़ों की रखवाली करने का अनुभव नहीं था, इसलिए मैंने सोचा कि भेड़ों को संभालना बहुत आसान है, और मैं उनकी अच्छी रखवाली करने वाला चरवाहा बनना चाहता था।

गाय–बैल आकार में बड़े होते हैं। जब वे पूरी तरह बड़े हो जाते हैं, उनका वजन कम से कम 450 किलो का होता है। उन्हें बहुत सारी सूखी घास, अधिक प्रोटीन युक्त अनाज और सर्दियों में गर्मी की आवश्यकता होती है। वसंत में बीमारियों के खिलाफ उन्हें टीका लगाने की और उपचार की जरूरत पड़ती है। इसलिए उन्हें पालना मुश्किल है। लेकिन भेडें. छोटी होती हैं। जब वे पूरी तरह बड़ी हो जाती हैं, तो उनका वजन 68–90 किलो का होता है। इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें आसानी से पाला जा सकता है और साथ ही कम उपकरणों की आवश्यकता होगी। मुझे उन्हें खिलाना भी आसान लगता था। छोटी दुलारी भेड़, मोटे–मोटे ऊनी कोट पहने हुए सफेद भेड़, धब्बेदार भेड़, भूरे या काले रंग की भेड़ इत्यादि… मैंने कल्पना की कि उनको पालना सुंदर होगा।

फार्म और खेत पर काम करने के बाद मैंने विश्वविद्यालय में प्रवेश किया, और भेड़ों की रखवाली करने का मेरा उत्साह फीका पड़ गया। उसके बाद, डिजाइन और निर्माण इंजीनियर के रूप में मैं अमेरिका और दूसरे देशों में यात्रा करने में व्यस्त रहता था।

1997 में जब मैं लंबे समय तक अमेरिका के व्योमिंग में रहा था, तब मैंने लगभग 65 एकड़ का फार्म खरीदा। पहले मैंने गाय–बैल खरीदने की कोशिश की, लेकिन उसका खर्च अपेक्षा से बहुत अधिक था। तब मेरे मन में अचानक विचार आया कि मैं कुछ भेड़ पालूंगा। व्योमिंग में विशाल चरागाह और बड़े बड़े घास के मैदान के कारण बहुत सी भेड़ों का पालन किया जाता है। पहले मैंने 100 गर्भवती भेड़ों को खरीदा। भेड़ों का पालन करने का मेरा पुराना सपना, जो मेरे पास तब था जब मैं छोटा था, आखिरकार साकार हुआ। इस तरह, मैंने एक चरवाहे के रूप में शुरुआत की। मैं भेड़ों के बारे में और उनके छोटे सुंदर मेम्नों के बारे में, जो जल्द ही जन्म लेनेवाले थे, सोचकर बहुत ज्यादा प्रसन्न था। उस समय मुझे भेड़ों की रखवाली करना कितना आसान लगा!

कुछ वर्षों के बाद, मुझे पता चला कि क्यों मेरे पिता इन भेड़ों को नहीं चाहते थे। भेड़ों को पालना इतना मुश्किल था, कि मैंने तो इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। भेड़ों का स्वभाव अप्रत्याशित और चंचल था। वे हमेशा बीमार रहती थीं, उन्हें हमेशा भूख लगती थी, और गर्मियों और सर्दियों में उनकी नाक हमेशा बहती थी। वे अक्सर बाड़े के बाहर घूमा करती थीं और भेड़ियों और लोमड़ियों के हमले में घायल होती थीं। जन्म के समय भी, वे इतनी अप्रत्याशित थीं कि मैं यह भी नहीं जान सका कि माता भेड़ अपने बच्चे को दूध पिलाएगी या मुझे उसे बोतल से दूध पिलाना पड़ेगा।

गाय–बैलों में स्वयं को संभालने की क्षमता है। जब उनका चरवाहा कोई दूसरे काम में व्यस्त होने के कारण उनकी देखभाल नहीं कर पाता, तब वे कई दिनों तक अपने तरीके से रह सकते हैं। प्रजनन के मौसम के दौरान जब गायें अपने नवजात शिशुओं को जन्म देती हैं, ऐसी गाय जिसे एक बार अपने बछड़े को जन्म देने का अनुभव हो चुका है, उसे बाद में अकेले ही जन्म देने में कोई समस्या नहीं होती। वह तुरंत अपने बछड़े की रखवाली करती है और अच्छी माता बनती है। वे अपने बछड़ों की रक्षा करने के लिए भेडिया, बिज्जू और साही जैसे जंगली जानवरों से मुकाबला करने की ताकत बटोरती हैं। ऐसे मवेशियों के विपरीत, चरवाहे को भेड़ों पर हमेशा 100 प्रतिशत ध्यान देने की जरूरत है। भेड़ों को पालना मेरे पूरे जीवन में सबसे मुश्किल बात थी। भेड़ों की रखवाली करते हुए मैं एक दिन भी आराम नहीं कर सका। उनकी देखभाल करना मेरी जिंदगी का सबसे कठिन अनुभव रहा।

बाद में जब मैं फिर से विदेश में था, तब मैंने अपनी पत्नी के साथ यात्रा अवधि के दौरान सत्य के वचन सुने। मेरी पत्नी ने उद्धार की आशीष प्राप्त की और फिर मैंने भी सत्य स्वीकार किया। जैसे मैंने सत्य समझा, मैं इन वचनों के द्वारा बहुत प्रेरित हुआ कि परमेश्वर ने हमारी तुलना स्वर्ग से खोई हुई भेड़ों से की है। हम और भेड़ों में बहुत सारी समानताएं हैं। हमें भेड़ों की उपमा देना उचित ही है।

जब हम आत्मिक रूप में कमजोर होते हैं, जब हमें आत्मिक रूप से भूख और प्यास लगती है, हम उन भेड़ों के समान होते हैं, जिन पर परमेश्वर को, जो हमारे चरवाहे हैं, अधिक ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। कभी–कभी हम स्वर्गीय माता से अलग होकर भटकते हैं, और हम पर वे झूठे नबी हमला करते हैं जो भेड़ों के भेस में भेड़िए के समान हैं। लेकिन हमारे सच्चे चरवाहे, स्वर्गीय पिता और माता के महान बलिदान और बेशर्ते प्रेम के द्वारा, हम सुरक्षित शरणनगर सिय्योन में रह सकते हैं और अनन्त स्वर्ग के लिए आशा रख सकते हैं।

अपने महान प्रेम और बलिदान के द्वारा हमारी आत्माओं को बचाने के लिए और अंधकार से हमारी रक्षा करने के लिए, मैं हमारे स्वर्गीय पिता और माता को अनन्त प्रशंसा और धन्यवाद देता हूं। उनके अनुग्रह के बारे में सोचते हुए, मैं स्वर्गीय पिता और माता के जैसे सच्चे चरवाहे के मन से अपने खोए हुए भाइयों और बहनों को ढूंढ़ूंगा और उनकी देखभाल करूंगा।