18 सितम्बर, 2020

2020 नरसिंगों के पर्व, प्रायश्चित के दिन और झोपड़ियों के पर्व की पवित्र सभाएं

पश्चातापी हृदय के साथ पवित्र आत्मा का आंदोलन

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शरद ऋतु के पर्व, जिनका सिय्योन के लोग प्रतीक्षा कर रहे थे जिन्हें परमेश्वर के पर्वों के द्वारा प्रतिज्ञा मिली है, 18 सितंबर से शुरू हुए। नरसिंगों के पर्व से प्रायश्चित के दिन तक, अर्थात् पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने के पहले दिन से दसवें दिन तक, साथ ही साथ झोपड़ियों के पर्व के दौरान, जो पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने के पन्द्रहवें से बाइसवें दिन तक आयोजित था, 175 देशों में चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने प्रत्येक देश में कोविड-19 की स्थिति के आधार पर, ऑनलाइन या चर्च में आराधना की।

नरसिंगों का पर्व – प्रायश्चित का दिन: “मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट है”

नरसिंगों के पर्व और प्रायश्चित के दिन की शुरुआत
नरसिंगों का पर्व प्रायश्चित के दिन की तैयारी के लिए पर्व है। निर्गमन के बाद, परमेश्वर ने मूसा को सीनै पर्वत पर बुलाया, और उसे दस आज्ञाएं दीं। लेकिन इस बीच, इस्राएलियों ने एक सोने के बछड़े की मूर्ति की उपासना की, जिससे मूसा इतना क्रोधित हुआ कि उसने दस आज्ञाओं की पत्थर की पटियाओं को नीचे फेंक दिया और वे टुकड़े टुकड़े हो गईं। जैसे लोगों ने अपने गहने उतारे और अपने पूरे हृदय और मन से अपने पापों का पश्चाताप किया, तो परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा दी कि वह दस आज्ञाओं को प्राप्त करने के लिए फिर से सीनै पर्वत पर आए। पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने के दसवें दिन, मूसा दस आज्ञाओं की दूसरी पटियाओं के साथ पहाड़ से नीचे आया, और इस दिन को प्रायश्चित का दिन कहा गया। वर्ष में एक बार महायाजक प्रायश्चित के दिन परम पवित्रस्थान में प्रवेश करता था। प्रायश्चित के दिन पर, पवित्रस्थान को पापबलि के लहू से शुद्ध करने के बाद लोगों के सभी पाप महायाजक के दोनों हाथों को अजाजेल बकरे के सिर पर रखने के द्वारा अजाजेल को सौंपे जाते थे; उसके बाद अजाजेल को जंगल में निर्जन स्थान पर भेज दिया जाता था। प्रायश्चित के दिन से दस दिन पहले, पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने के पहले दिन नरसिंगों का पर्व है जब इस्राएलियों को तुरही फूंककर पश्चाताप करने का आग्रह किया गया था। नए नियम के समय में, चर्च के सदस्य नरसिंगों के पर्व से लेकर प्रायश्चित के दिन तक प्रार्थना अवधि के दौरान भोर और शाम की आराधनाएं मनाते हैं।

18 सितंबर को मनाए गए इस वर्ष के नरसिंगों के पर्व पर, प्रधान पादरी किम जू चिअल ने चर्च के सदस्यों को ऑनलाइन उपदेशों के द्वारा याद दिलाया कि नरसिंगों का पर्व प्रायश्चित के दिन की तैयारी के लिए पर्व है और इसका मुख्य विषय पश्चाताप है। शैतान के प्रलोभन से, सभी लोगों ने स्वर्ग में पाप किया और उन्हें इस पृथ्वी पर गिरा दिया गया, और जब वे अपने पापों का पश्चाताप करते हैं और परमेश्वर के सभी वचनों का पालन करते हैं, तभी वे स्वर्ग लौट सकते हैं। जब मसीह इस पृथ्वी पर आए, तो सबसे पहले उन्होंने लोगों से पश्चाताप करने का आग्रह किया, और उन्होंने फसह के पवित्र भोज पर रोटी और दाखमधु के द्वारा जो उनके मांस और लहू को दर्शाता है, नई वाचा की स्थापना की और पश्चाताप करने वालों को पापों की क्षमा देकर स्वर्ग का मार्ग खोल दिया। फसह के पवित्र भोज पर, मसीह ने हमें एक नई आज्ञा दी, “जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।” नई वाचा, जो नई आज्ञा है, मसीह का प्रेम और बलिदान है। प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “आइए हम मसीह के बारे में सोचकर जिन्होंने हम, पापियों को बचाने के लिए सभी पीड़ा, बेइज्जत, अपमान और दुखों को सहन किया, हमारे पापों का पश्चाताप करें और आज से परमेश्वर के प्रेम का अभ्यास करें।”(लैव 23:23-25; यहेज 18:30-32; भज 7:12; यश 14:12-15; यहेज 28:11-18; लूक 5:32; 1यूह 3:4-8; मर 1:15, लूक 22:7-20; मत 20:26-28; यश 53; यूह 13:34-35; रो 8:35-39; 12:10-21; 13:10; 1कुर 13:1-3; 16:14; 1यूह 4:11-21)।

दस दिनों के लिए, हर दिन भोर और शाम को, चर्च के सदस्यों ने प्रार्थना में खुद को समर्पित किया और अपने पापों को अंगीकार करके पश्चाताप किया। प्रार्थना अवधि समाप्त हो गई, और 27 सितंबर को प्रायश्चित का दिन आया। प्रायश्चित के दिन की सुबह, सरकार के रोग निवारण दिशानिर्देशों के अनुसार, कोरिया में नई यरूशलेम फानग्यो मंदिर में स्वर्गीय माता के साथ आराधना में केवल एक छोटी, निश्चित संख्या में सदस्यों ने भाग लिया, जबकि दुनिया भर में चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने अपने घरों और चर्चों में ऑनलाइन आराधना में भाग लिया।

प्रायश्चित के दिन के द्वारा अपनी संतानों को पश्चाताप और प्रायश्चित का अनुग्रह प्रदान करने के लिए स्वर्गीय माता ने स्वर्गीय पिता को धन्यवाद दिया, और उनसे अपनी सभी संतानों के पापों को जो उन्होंने स्वर्ग में और पृथ्वी पर किए, भले ही वे लाल रंग के हैं और अर्गवानी रंग के हैं, धोने और हिम के समान शुद्ध करने को कहा। उन्होंने प्रार्थना की, कि उनकी संतान जिन्होंने अपने प्रायश्चित के लिए पीड़ित हुए परमेश्वर के बलिदान को महसूस करने के बाद अपने पापों का पश्चाताप किया, वे एक पवित्र और धर्मी जीवन जीएं, और वे हर एक व्यक्ति को जीवन का सुसमाचार सुनाएं जो बिना किसी आशा के जीवन व्यतीत करते हैं ताकि वे सभी विपत्तियों से बच सकें और स्वर्ग में प्रवेश कर सकें। जैसे ही दोपहर की आराधना समाप्त होने पर थी, तो उन्होंने सदस्यों को यह तथ्य याद दिलाया कि जब वे पश्चाताप करते हैं तो स्वर्ग निकट आता है, और उन्होंने उनसे कहा कि जो लोग यह न जानते हुए कि उनकी सारी योजनाएं बिखर जाने के बाद क्या करना है, निराशा में हैं, उन्हें ईमानदारी से प्रचार करते हुए एक और आत्मा को बचाएं।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने प्रायश्चित के दिन के अर्थ, पापों की क्षमा के सिद्धांत और पश्चाताप के सही अर्थ के बारे में उपदेश दिया। पुराने नियम के समय में, ऐसे मौकों पर जब इस्राएलियों ने साधारण समय पर पाप किए, तब पशुओं को पवित्रस्थान में लाया जाता और उन्हें पापबलि के रूप में चढ़ाया जाता था। महायाजक वर्ष में एक बार प्रायश्चित के दिन पर परम पवित्रस्थान में प्रवेश करता था और अजाजेल पर दोनों हाथ रखकर पवित्रस्थान में जमे हुए लोगों के सभी पापों और अपराधों को सौंपता था; तब वह अजाजेल को दूर जंगल में निर्जन स्थान पर भेज देता था, और जब वह जंगल में भटक कर मर जाता, तो सभी पाप गायब हो जाते थे। इस तरह की विधियां एक प्रतिरूप और छाया हैं जो इस बात को दिखाती हैं कि मसीह जो पापबलि और पवित्रस्थान की असलियत हैं, उन पापों को उठाएंगे जो हम साधारण समयों में करते हैं और प्रायश्चित के दिन की विधि के अनुसार वह उन पापों को शैतान को सौंपेंगे जो पापों का असली स्वामी हैं, और शैतान सभी पापों को उठाकर अथाह कुंड में डाला जाएगा। जब मसीह इस पृथ्वी पर आए, तो पहली बात जो उन्होंने कही, यह थी, “मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।” प्रधान पादरी किम जू चिअल ने जोर देकर कहा, “सभी लोगों के लिए जिन्होंने स्वर्ग में पाप किया और इस पृथ्वी पर गिरा दिए गए, पश्चाताप उनकी आत्माओं के पिता और माता के पास लौटना है। केवल जब वे परमेश्वर के वचन का पालन करते हैं जो नई वाचा का सुसमाचार है, तो वे परमेश्वर के पास लौट सकते हैं।” उन्होंने कहा, “स्वर्ग का राज्य उन लोगों को प्रदान किया जाता है जो परमेश्वर के सभी नियमों, आज्ञाओं और व्यवस्थाओं को मानते हैं, इसलिए आइए हम पश्चाताप करें और सामरिया में और पृथ्वी की छोर तक नई वाचा का सुसमाचार प्रचार करके परमेश्वर को प्रसन्न करें।”(सपन 3:18-19; लैव 16:5-10; यिर्म 17:12; यूह 1:29; यश 53; 1यूह 1:8-10; लूक 15; 2इत 30:1-9; मला 3:7-10; 2थिस 1:7-10)।

झोपड़ियों के पर्व की पवित्र सभा – झोपड़ियों के पर्व का अंतिम दिन: यरूशलेम से बहता हुआ जीवन का जल

झोपड़ियों के पर्व की शुरुआत
झोपड़ियों का पर्व उस इतिहास से शुरू हुआ जब मूसा ने परमेश्वर से प्राप्त हुई दस आज्ञाओं की पत्थर की दोनों पटियाओं को रखने के लिए तम्बू का निर्माण किया था। इस्राएलियों ने तम्बू के निर्माण के लिए सात दिनों तक खुशी से सामग्रियों को लाया, और बाद में, उन्होंने विभिन्न प्रकार की डालियों के साथ झोपड़ियों का निर्माण करके खुशी के साथ पर्व मनाया। यह एक भविष्यवाणी है जो हमारे स्वर्गीय भाइयों और बहनों को जो इस युग में स्वर्गीय यरूशलेम मंदिर की सामग्रियां हैं, खोजने के द्वारा पूरी होगी। झोपड़ियों का पर्व वह पर्व है जब हम पवित्र आत्मा की आशीष प्राप्त करते हैं। दो हजार वर्ष पहले, यीशु ने वादा किया था कि वह हमें झोपड़ियों के पर्व पर जीवन के जल की आशीष देंगे; नबी जकर्याह ने भी भविष्यवाणी की थी कि केवल वे लोग जो झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं, वर्षा पाएंगे; अन्यथा, वे परमेश्वर से दण्ड पाएंगे (जक 14; यूह 7)।

2 अक्टूबर को, झोपड़ियों का पर्व, जो तीन बार में सात पर्वों में से सातवां पर्व है, उसकी पवित्र सभा आयोजित की गई थी। उस दिन, प्रधान पादरी किम जू चिअल ने झोपड़ियों के पर्व की शुरूआत और इसके अर्थ के बारे में उपदेश दिया। इसके अलावा, उन्होंने चर्च के सदस्यों से यह कहते हुए कि, जैसे केवल वे इस्राएली जिन्होंने परीक्षा पर जय पाई जंगल में आशीषित हुए, वैसे कोई भी परिस्थिति हो, परमेश्वर के वचन का पालन करके पूरी दुनिया पर आने वाली परीक्षा पर जय पाने और अनुग्रहपूर्वक रूप से झोपड़ियों के पर्व की प्रचार सभा के साथ आगे बढ़कर, सुसमाचार प्रचार करने का जीवन जीने का आग्रह किया (लैव 23:33-36; निर्ग 35-36; नहे 8:13-18; यिर्म 5:14; इफ 2:19-22; 2तीम 4:1-5; 1थिस 2:3–4; प्रक 3:10-13; व्य 8:1-3; 28:1-6; लूक 21:34-36; यूह 13:7; मत 4:1-11; 24:3-14)।

माता ने सभी सिय्योन के परिवार के सदस्यों पर, जो झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं, बहुतायत से पिछली बरसात की पवित्र आत्मा उंडेलने के लिए पिता से प्रार्थना की। उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि जिन सदस्यों ने पवित्र आत्मा प्राप्त किया हैं वे स्वर्गीय मंदिर के खंभे बन जाएं और परमेश्वर की महिमा के लिए जीएं, और यह प्रचार करके कि परमेश्वर सिय्योन में निवास करते हैं जहां पर्व मनाए जाते हैं, और वहां परमेश्वर का उद्धार है, विपत्तियों से पीड़ित बहुत लोगों का मार्गदर्शन सिय्योन में करें। आराधना समाप्त होने के बाद, माता ने वर्तमान स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की, जहां परिवार के सदस्यों को भी एक दूसरे से अलग होना पड़ता है और प्रेम ठंडा हो रहा है। उन्होंने हमें यह कहते हुए सिखाया, “सबसे बड़ा प्रेम है। इस कठिन समय में, हम अपने परिवार और पड़ोसियों के साथ प्रेम साझा करके एक और आत्मा को बचाने का प्रयास करें।”

माता ने उनसे कहा कि वे पिता से प्रार्थना करके बहुतायत से पवित्र आत्मा को प्राप्त करें। उस शाम से सात दिनों तक चली झोपड़ियों के पर्व की प्रचार सभा के दौरान सदस्यों ने माता के वचन का पालन करके प्रार्थना करने, परमेश्वर के वचन का अध्ययन करने, और सुसमाचार का प्रचार करने के लिए खुद को समर्पित किया। 9 सितंबर, प्रचार सभा के समाप्त होने के बाद झोपड़ियों के पर्व के अंतिम दिन पर माता ने उन संतानों पर जिन्होंने उत्सुकता से पवित्र आत्मा मांगा, झरने के जैसे पिछली वर्षा के पवित्र आत्मा बहुतायत से बरसाने के लिए पिता से प्रार्थना की। उन्होंने कोविड-19 महामारी के जल्दी समाप्त होने के लिए प्रार्थना की, और यह भी प्रार्थना की कि परमेश्वर की संतान कोविड-19 के कारण भ्रम और आत्मिक प्यास से पीड़ित सभी लोगों को उद्धार के शुभ समाचार का प्रचार करके जीवन का जल साझा करें।

उस दिन, संसार में प्रत्येक चर्च ऑफ गॉड और सभी सदस्यों ने जो घर में आराधना कर रहे थे, एक ही समय में ऑनलाइन उपदेश वीडियो देखकर आराधना की। सुबह की आराधना में, प्रधान पादरी किम जू चिअल ने झोपड़ियों के पर्व के अर्थ पर जोर दिया, और गवाही दी कि केवल परमेश्वर ही हैं जो जीवन का जल देते हैं, और आत्मा और दुल्हिन जो हमें इस अंतिम युग में जीवन का जल देते हैं, हमारे स्वर्गीय पिता और स्वर्गीय माता हैं। उन्होंने यह भी समझाया कि झोपड़ियों का पर्व, पवित्रस्थान और जीवन का जल एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, और केवल वे ही जो झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं और परम पवित्रस्थान की वास्तविकता, यरूशलेम माता को ग्रहण करते हैं, जीवन के जल की आशीष प्राप्त कर सकते हैं(यश 55:1-3; यूह 7:2, 14, 37-39; प्रक 21:5; 22:17; जक 14:16-19; यहेज 47:1-12; जक 14:7-8; गल 4:26; यश 66:10-14; प्रक 21:9-16; 1रा 6:14-20)।

दोपहर की आराधना में, माता ने स्वयं जीवन के जल के वचन दिए। माता ने सदस्यों को इस बात से अवगत कराया कि परमेश्वर के वचन के अनुसार पूरी दुनिया में सुसमाचार फैल रहा है क्योंकि परमेश्वर ने जो भी कहा है वह निश्चित रूप से पूरा होता है, और यह कि सदस्यों को अब पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ है तो पवित्र आत्मा के आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्हें हर संभव प्रयास करना चाहिए। स्वर्गीय पिता ने अपने पहले और दूसरे आगमन पर मानवजाति को बचाने के लिए नई वाचा के सत्य की ज्योति चमकाई। इस विपत्ति-ग्रस्त संसार में, यह परमेश्वर का कार्य और पवित्र आत्मा का आंदोलन है जो हमें गरीब आत्माओं को उद्धार का शुभ संदेश देने के लिए करना चाहिए ताकि विपत्तियों से उनकी रक्षा की जा सके। स्वर्गीय माता ने कहा, “जो लोग झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं, परमेश्वर के नाम का भय मानते हैं, और उनके वचन का पालन करते हैं, विपत्तियों से सुरक्षित रहेंगे और अनन्त जीवन प्राप्त करेंगे। तो आइए हम उन विपत्तियों से पीड़ित सभी लोगों को उद्धार का यह शुभ संदेश सुनाएं जो हमने उनसे पहले प्राप्त किया हैं,” और उन्होंने नूह, अब्राहम और याकूब का उल्लेख किया जिन्होंने परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर विश्वास करके परमेश्वर के वचन का पालन किया, और हमसे अनुरोध किया कि हम, परमेश्वर की संतान परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर विश्वास करते हुए उनके वचन का अभ्यास करें और उद्धार में कई आत्माओं का नेतृत्व करके राज पदधारी याजक बनें जो ब्रह्मांड के हर तारे की सैर करेंगे (यश 45:23; 14:24; 46:11; 60:1-15; मत 28:18-20; जक 8:20; उत 6, 12; मत 24:37-44; मला 4:1; भज 91:7; 1थिस 4:16-17)।

यरूशलेम से बहती हुई जीवन के जल की नदी पूरे वर्ष पूर्व और पश्चिम में बहती है और पूरी दुनिया को पुनर्जीवित करती है। 2020 में, कोविड-19 महामारी के कारण, पूरी दुनिया तेजी से बदल रही है। फिर भी, परमेश्वर मानवजाति पर दया करते हैं और अभी भी सुसमाचार का द्वार व्यापक रूप से खुला रखते हैं। यह अपेक्षा है कि पवित्र आत्मा आंदोलन को और अधिक मजबूती से आगे बढ़ाया जाएगा क्योंकि हर सदस्य पवित्र आत्मा की शक्ति के साथ और दृढ़ विश्वास के साथ कि निश्चित रूप से विश्व सुसमाचार का कार्य पूरा किया जाएगा, विभिन्न तरीकों से सुसमाचार का प्रचार कर रहा है।