स्वर्गीय परिवार जिससे मैं आशा के नगर में मिला
पुएब्ला, मेक्सिको से ली सु बिन

मेक्सिको, जिसकी अधिकांश भूमि पहाड़ी है, कई गांव पहाड़ों के बीच में भी खड़ी पहाड़ियों पर घने हुए हैं। चूंकि राष्ट्रीय धर्म कैथोलिक है, इसलिए अधिकांश लोग इसे मानते हैं और मेक्सिको के किसी भी क्षेत्र में पर्यटक आकर्षण को चुनते समय लोग कैथोलिक चर्च का उल्लेख करना नहीं भूलते। हालांकि, लोगों को परमेश्वर के वचनों में कोई दिलचस्पी नहीं है, और अनगिनत लोग चर्च के धर्मनिरपेक्षता से निराश होकर चर्च में नहीं जाते।
ऐसे कठिन वातावरण के बावजूद, मैंने ला एस्पेरंजा नामक एक नगर में अपने स्वर्गीय परिवार के सदस्यों को खोजा जो स्वर्ग की आशा से भरे थे। मजे की बात यह है की एस्पेरंजा का मतलब स्पेनी भाषा में आशा है।
हमेशा की तरह, मैं सिय्योन के सदस्यों के साथ परमेश्वर के वचनों का प्रचार कर रही थी, और एक आदमी हमारे पास आकर हमसे बात करने लगा। चूंकि परमेश्वर ने कहा कि हम लोगों को वचन का प्रचार करें चोहे वे सुनें या न सुनें, इसलिए हमने उसे माता परमेश्वर के बारे में बताया। थोड़ी देर के बाद, उसकी पत्नी हमारे पास आई और उसने हमसे सवाल पूछे जिन्हें वह पहले से जानना चाहती थी, और ध्यान से हमारी बात सुनी। दोनों ने हमसे निवेदन किया कि हम अगले दिन उनके घर आएं और उन्हें परमेश्वर के वचनों को सिखाएं।
अगले दिन, जब हम उनसे मिलने गए, तो न केवल वह पती-पत्नी थे, बलिक पत्नी की मां भी एक बाइबल और नोटबुक तैयार करके हमारा इंतजार कर रही थी। उसके अगले दिन, पत्नी की भाभी ने हमारे साथ बाइबल का अध्ययन किया। उन्होंने जो सत्य के लिए तरस रहे थे, बाइबल का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया और उन सभी ने परमेश्वर की संतान के रूप में फिर से जन्म लिया। सत्य प्राप्त किए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ, लेकिन वे उत्साहपूर्वक अपने रिश्तेदारों और परिचितों को सुसमाचार का प्रचार करते हैं। यह देखकर, मैंने अपने आप को पीछे मुड़कर देखा,
‘क्या मैंने कभी इतने जोश के साथ प्रचार किया है?’
इस परिवार से मिलने से पहले, मैं यह सोचकर कि ‘क्या लोग सुनेंगे? क्या होगा यदि परमेश्वर के वचनों का प्रचार करते समय लोग मुझे बाधा डालें?’ साहसपूर्वक परमेश्वर के वचनों का प्रचार नहीं कर सकती थी। परमेश्वर पर भरोसा करने के बजाय, मैंने अपने विचारों और स्थितियों को महत्व दिया था। लेकिन अब मुझे स्पष्ट रूप से एहसास हुआ कि भले ही मुझ में कई बातों की कमियां हैं, यदि मैं उस सुसमाचार के कार्य में भाग लूं जिसकी परमेश्वर अगुवाई करते हैं, तो मुझे महान आशीषों मिलेंगी। अब चूंकि मुझे इसका एहसास हुआ है, मैं साहसी बनगूी।
इस आशा के नगर में, अभी भी बहुत से लोग हैं जो सच्चे परमेश्वर से मिलने की आशा करते हैं। तब तक मैं अपने भाइयों और बहनों को खोजने के लिए अपना कदम नहीं रोकूंगी, जब तक कि वे सभी स्वर्गीय माता के पास नहीं आते।