भविष्यवाणी को जानना और उस पर विश्वास करना

मत्ती 2:1–15

16,758 बार देखा गया

जब यीशु का जन्म हुआ, पूर्व से तीन ज्योतिषी यरूशलेम आए।

“यहूदियों के नवजात राजा कहां हैं? हमने उनका तारा पूर्व में उदित होते देखा। हम उन्हें दण्डवत् करने आए हैं।”

जब राजा हेरोदेस ने यह सुना तो वह बहुत बेचैन हुआ और उसके साथ सारा यरूशलेम घबरा गया। राजा ने यहूदी समाज के सभी महायाजकों और शास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा,

मसीह का जन्म कहां होना चाहिए?”

“यहूदिया के बैतलहम में, क्योंकि भविष्यवक्ता के द्वारा लिखा गया कि: ‘यहूदा की धरती पर स्थित बैतलहम में से एक शासक प्रकट होगा जो इस्राएल की देखभाल करेगा।’ ”

तब हेरोदेस ने उन ज्योतिषियों को चुपके से बुलाया और उनसे पूछताछ कर यह पता कर लिया कि वह तारा ठीक किस समय उन्हें दिखाई दिया था। फिर उसने उन्हें बैतलहम भेजते हुए कहा,

“जाइए, बालक का ठीक–ठीक पता लगाइए और उसे पाने पर मुझे खबर दीजिए, जिससे मैं भी जाकर दण्डवत् करूं।”

किन्तु ज्योतिषियों को स्वप्न में यह चेतावनी मिली कि वे हेरोदेस के पास न लौटें, इसलिए वे यीशु को साष्टांग प्रणाम करने के बाद दूसरे रास्ते से अपने देश चले गए। उनके जाने के बाद स्वर्गदूत यूसुफ को स्वप्न में दिखाई दिया और यह बोला,

“उठिए! बालक और उसकी माता को लेकर चुपके से मिस्र देश भाग जाइए। जब तक मैं आपसे न कहूं, वहीं रहिए, क्योंकि हेरोदेस मरवा डालने के लिए बालक को ढूंढ़ने वाला है।”

यूसुफ उठा और उसी रात बालक और उसकी माता को लेकर मिस्र देश चल दिया। फिर वह हेरोदेस की मृत्यु तक वहीं ठहरा रहा। यह सब बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार पूरा हुआ।

बाइबल की भविष्यवाणी पूरी होने की प्रक्रिया में कुछ संयोग से नहीं घटता।

चाहे लोग इसे जानें या न जानें, परमेश्वर की भविष्यवाणी उनके वचन के अनुसार बिना किसी त्रुटि या बाधा के पूरी होती है।

भविष्यवाणियों पर विश्वास करने का मतलब सिर्फ भविष्यवाणियों को जानना नहीं है, पर यह भविष्यवाणियों की पूर्ति पर पूरी तरह से यकीन करना और उनके अनुसार कार्य करना है।

महायाजक और शास्त्री इस भविष्यवाणी के बारे में जानते थे कि बैतलहम में मसीह का जन्म होगा, मगर उन्होंने यह पता लगाने का जरा सा भी प्रयास नहीं किया कि यह भविष्यवाणी कैसे और किसके द्वारा पूरी होगी। वे भविष्यवाणियों पर विश्वास नहीं करते थे।

हेरोदेस के कर्म के बारे में तो कुछ बात करने लायक भी नहीं है। उसने भविष्यवाणी सुनने के बाद अपना सिंहासन खोने के डर से अपनी तलवार को निकालकर मसीह की ओर उठाया।

इस क्षण में भी पूरे ब्रह्मांड और मनुष्य के हृदयों को चलाकर, परमेश्वर की भविष्यवाणियां बाइबल के अभिलेखों के अनुसार पूरी की जा रही हैं।

आइए हम सिर्फ भविष्यवाणी को जानने वाले नहीं, पर उन पर विश्वास करने वाले बनें।