1. एक जगह का नाम
गेहन्ना इब्रानी शब्द उस “गेहिन्नोम”[हिन्नोम की घाटी] से निकला यूनानी शब्द है, जो प्राचीन यरूशलेम के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक संकरी घाटी है। इस्राएल के राजाओं के युग में यह बड़ी बदनाम जगह थी जहां एक देवता के लिए छोटे बच्चों को आग में जलाकर बलि चढ़ाया जाता था।
उस समय, इस्राएली पराए देवता मोलेक(एक बैल के आकार की मूर्ति) के लिए बलि चढ़ाते थे। यह एक घृणित बलिदान था: वे आग से लोहे से बनी मूर्ति को गर्म करते थे, और फिर वे लोहे के लाल तपे दो हाथों पर अपने छोटे बच्चों को रखकर भस्म करते थे।
“यहोवा की यह वाणी है: इसका कारण यह है कि यहूदियों ने वह काम किया है, जो मेरी दृष्टि में बुरा है… और उन्होंने हिन्नोमवंशियों की तराई में तोपेत नामक ऊंचे स्थान बनाकर, अपने बेटे–बेटियों को आग में जलाया है; जिसकी आज्ञा मैं ने कभी नहीं दी और न मेरे मन में वह कभी आया।” यिर्म 7:30-31
इस्राएलियों के ऐसे कार्य उन परमेश्वर के विरुद्ध थे जिन्होंने उन्हें मोल लिया था, और इससे परमेश्वर के क्रोध को भड़काया गया। परमेश्वर ने राजा योशिय्याह के द्वारा इस घृणित काम को रोक दिया और उन्हें ऐसे दुष्ट बलिदान को फिर से न चढ़ाने की आज्ञा दी।
फिर उसने(योशिय्याह) तोपेत को जो हिन्नोमवंशियों की तराई में था, अशुद्ध कर दिया, ताकि कोई अपने बेटे या बेटी को मोलेक के लिये आग में होम करके न चढ़ाए। 2रा 23:10
राजा योशिय्याह के हिन्नोम की घाटी में चढ़ाए गए क्रूर बलिदान को नष्ट करने के बाद, इस्राएलियों ने इस जगह से घृणा की और उसे कूड़ा-करकट फेंकने और जलाने की जगह बनाया। उन्होंने वहां सिर्फ कूड़ा-करकट ही नहीं जलाया, लेकिन जानवरों की लाशें और उन अपराधियों की लाशों को भी जलाया, जिन्हें मौत के घाट उतारा गया और दफनाया नहीं गया। बाद में, हिन्नोम की घाटी को कूड़ा-करकट जलाने की जगह के रूप में माना जाता था, और वह अपराधियों की लाशों को जलाने के लिए मशहूर हो गई। हिन्नोम की घाटी यूनानी भाषा में “गेहन्ना” है, और यह अंग्रेजी भाषा में “हेल” शब्द से अनुवादित किया गया।
यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल। टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक(गेहन्ना) की आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। मर 9:43
मैं तुम्हें चिताता हूं कि तुम्हें किससे डरना चाहिए, घात करने के बाद जिसको नरक(गेहन्ना) में डालने का अधिकार है, उसी से डरो; हां, मैं तुम से कहता हूं, उसी से डरो। लूक 12:5
हे सांपो, हे करैतों के बच्चो, तुम नरक(गेहन्ना) के दण्ड से कैसे बचोगे? मत 23:33
2. गेहन्ना और नरक
जब यीशु ने मृत्यु के बाद होनेवाले न्याय के बारे में सिखाया, उन्होंने क्यों गेहन्ना का वर्णन किया? यह हमें स्वर्गीय प्रणाली और सिद्धांत महसूस कराने के लिए था।
यह सुनकर यीशु ने उससे कहा… जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं और तुम विश्वास नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूं तो फिर कैसे विश्वास करोगे? यूह 3:10-13
जब हम ध्यान से यीशु के वचन देखें, तो हम समझ सकते हैं कि जो वह हमें जानने देना चाहते हैं वह स्वर्गीय वस्तुएं हैं। लेकिन यदि वह हमें सीधे आत्मिक दुनिया में होनेवाली बातें हूबहू बताएं, तो हम उन्हें न तो समझ सकेंगे और न ही स्वीकार कर सकेंगे। चूंकि हम पापी हैं जिन्होंने स्वर्ग में पाप किए और पृथ्वी पर गिरा दिए गए, इसलिए हम आत्मिक दुनिया की बातों को न देख पाते, न सुन पाते, और न महसूस कर पाते हैं। इसलिए यीशु ने पृथ्वी की प्रणाली और सिद्धांत के द्वारा आत्मिक दुनिया की बातें समझाईं। पृथ्वी पर जो हैं, वे स्वर्ग की वस्तुओं की छाया और प्रतिरूप हैं(इब्र 8:5)।
कूड़ा-करकट जलाने की जगह के द्वारा जहां अपराधियों की लाशें जलाई जाती थीं, यीशु ने हमें धधकती आग की झील के अस्तित्व को जानने दिया जिसमें पापी आत्माओं को डाला जाएगा। अगर यीशु ने यरूशलेम नगर के बाहर स्थित कचरा जलाने की जगह, यानी सिर्फ गेहन्ना का वर्णन किया होता, तो उन दिनों के शास्त्रियों और फरीसियों का गेहन्ना से कुछ लेना देना नहीं था। क्योंकि उस समय गेहन्ना में जो यरूशलेम नगर के बाहर स्थित था, केवल अपराधियों की लाशें जलाई जाती थीं, और ऐसे शास्त्रियों और फरीसियों को, जिन्हें समाज में ख्याति प्राप्त थी, मरने पर दफनाया जाता था।
लूका 12:5 में लिखा है, “घात करने के बाद जिसको नरक(गेहन्ना) में डालने का अधिकार है, उसी से डरो।” यहां “वह” कौन है जिसको नरक में डालने का अधिकार है? अवश्य, वह परमेश्वर हैं। वह सिर्फ परमेश्वर हैं जिनको घात करने के बाद गेहन्ना के समान नरक में डालने का अधिकार है। इसलिए, गेहन्ना जिसका यीशु ने वर्णन किया, वह पृथ्वी का गेहन्ना नहीं, लेकिन आग की झीलह्यआत्मिक गेहन्नाहृ है जहां उन आत्माओं को जलाया जाएगा जिन्होंने आत्मिक दुनिया में पाप किए।
3. आग की झील जिसमें शैतान को डाला जाएगा
उन का भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे। प्रक 20:10
प्रेरित यूहन्ना ने दर्शन में देखा कि शैतान और झूठे भविष्यद्वक्ता आग और गन्धक की झील में डाले जाकर युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहते हैं। जैसे कि हम जानते हैं, शैतान शारीरिक प्राणी नहीं, पर आत्मिक प्राणी है। इसका मतलब है कि निश्चय ही ऐसी आग की झील होनी चाहिए जिसमें शैतान जो आत्मा है, डाला जाएगा और पीड़ा में तड़पता रहेगा। कूड़ा-करकट जलाने की जगह गेहन्ना के द्वारा जहां अपराधियों की लाशें जलाई जाती थीं, यीशु ने हमें यह जानने दिया कि आग की झील है जिसमें शैतान और पापी आत्माओं को डाल दिया जाएगा।
4. आग की झील जिसमें पापी आत्माओं को डाल दिया जाएगा
कुछ लोग कहते हैं कि ऐसी आग की झील है जिसमें शैतान को डाल दिया जाएगा, लेकिन ऐसी कोई आग की झील नहीं है जिसमें लोगों की आत्माएं डाली जाएंगी। मगर बाइबल इस प्रकार कहती है;
जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा और सब स्वर्गदूत उसके साथ आएंगे… वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकरियों को बाईं ओर खड़ा करेगा… तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, “हे शापित लोगो, मेरे सामने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है।”… और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे। मत 25:31-46
अंतिम दिनों में जो बचाए नहीं जाएंगे वे परमेश्वर की बाईं ओर खड़े हो जाएंगे। तब उस समय वे कहां जाएंगे? बचाए न जाने वाले लोग आखिर में किसके पीछे चलेंगे? बाइबल कहती है, “उन्हें अनन्त आग में डाल दिया जाएगा, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गई है।”
आग की झील, जहां बचाए न जाने वाले लोग प्रवेश करेंगे, शारीरिक आग की झील नहीं है। चूंकि शैतान जो आत्मिक प्राणी है, आग की झील में प्रवेश करता है, इसलिए वह आत्मिक गेहन्ना(नरक: आग की झील) है। जैसे कि कहा गया है, “जो व्यक्ति जिससे हार गया है, वह उसका दास बन जाता है(2पत 2:19),” जो शैतान से हार गए हैं, वे शैतान के दास बनते हैं, और उन्हें अपने स्वामी शैतान के साथ आग की झील में जाना चाहिए। यही आत्मिक दुनिया का सिद्धांत है।
5. शैतान की भूमिका
हमें जिससे डरना चाहिए, वह शरीर की मृत्यु नहीं है, लेकिन आत्मिक गेहन्ना है जहां शरीर की मृत्यु के बाद आत्माएं पीड़ा में तड़पेंगी। चूंकि शैतान को पहले से अनन्त नाश की सजा सुनाई गई है, इसलिए वह अधिक आत्माओं को नरक में ले जाने के लिए सारे संसार को भरमाता है(प्रक 12:7-9)।
शैतान अकेले नरक में जाने से डरता होगा, इसलिए वह अपने बहुत साथियों को इकट्ठा कर रहा है। जैसे परमेश्वर से बदला लेने की कोशिश करता हो, वह परमेश्वर के चुने हुए लोगों को नरक की ओर ले जाने के लिए एक गरजते सिंह के समान इधर-उधर घूमते हुए इस ताक में रहता है कि जो मिले उसे फाड़ खाए।
बहुत सी आत्माओं को पहले से सर्प(शैतान) द्वारा डस लिया गया, और उसके जहर की पहुंच हड्डियों तक हो गई। जहर पूरे शरीर में फैल जाने के बाद, वे जहां कहीं शैतान उन्हें ले जाता है, वहां उसका पीछा करते हैं और शैतान की दुष्ट योजना में ऐसे भाग लेते हैं मानो वे पूर्ण रूप से सम्मोहित हो गए हों। भरमानेवाला अभी भी हर संभव कोशिश कर रहा है ताकि बहुत सी आत्माएं परमेश्वर के पास न जा सकें, और परमेश्वर के चुने हुए लोगों को नरक ले जाने का उसका प्रयास अब अपने आखिरी चरम पर पहुंच रहा है।
6. शैतान का सामना करो
जैसे अंत का समय करीब आ रहा है, शैतान के कार्य और भी तेज होते जा रहे हैं। शैतान परमेश्वर से प्रेम पाने वाले हम लोगों को नापसंद करता है और चाहता है कि परमेश्वर सभी आत्माओं को त्याग दें। इस समय जब परमेश्वर का आना बहुत निकट है, हम कैसे शैतान से खुद की रक्षा कर सकते हैं? हम कैसे अपने भाइयों और बहनों को शैतान से दूर रख सकते हैं? शैतान के विरुद्ध महायुद्ध में जीतने का तरीका क्या है?
यह कहा जाता है कि “अपनी प्रतिरक्षा करने का सबसे अच्छा तरीका हमला करना है।” यदि एक व्यक्ति सिर्फ शैतान के हमले से बचने की कोशिश करता हो या सोचता हो, ‘यदि मैं सुरक्षित हूं तो ठीक हूं,’ तो वह शैतान का पहला शिकार होगा। यह इसलिए है क्योंकि शैतान इस प्रकार के लोगों को सबसे ज्यादा पसंद करता है। हम सिर्फ शैतान का सामना करने से जीत सकते हैं।
इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का सामना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा। परमेश्वर के निकट आओ तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा। याक 4:7-8
परमेश्वर के अधीन हो जाना शैतान का सामना करना है। शैतान का सामना करना परमेश्वर के अधीन होना है। शैतान सबसे अधिक प्रेम से डरता है। प्रेम परमेश्वर का हमें दिया हुआ हथियार है। प्रेम के द्वारा अपने भाइयों और बहनों को शैतान की जंजीरों से बचाना ही परमेश्वर के अधीन होने और शैतान का सामना करने का मार्ग है। लोग जो परमेश्वर के प्रेम के अन्दर शैतान का सामना करते हैं, उन्हें नरक की दहशत और पीड़ा से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि स्वर्ग का राज्य जो परमेश्वर ने तैयार किया है, उनका इंतजार कर रहा है।
हालांकि, नरक की सजा कितनी भयानक होगी जिसमें बचाए न जाने वाले लोग प्रवेश करेंगे? वे शरीर की मृत्यु से डरते होंगे, तो उनकी आत्माओं के नष्ट होने से वे कितने अधिक भयभीत होंगे!
आइए हम परमेश्वर का पालन करें, जो देखी दुनिया से अनदेखी दुनिया तक पूरी दुनिया के प्रभु और न्यायी हैं, और उद्धार तक पहुंचने के लिए सबसे अधिक प्रयास करें।