चर्च ऑफ गॉड का इतिहास
चर्च ऑफ गॉड ही एकमात्र चर्च है
जिसे परमेश्वर ने पृथ्वी पर स्थापित किया।
चर्च ऑफ गॉड का इतिहास
चर्च ऑफ गॉड ही एकमात्र चर्च है
जिसे परमेश्वर ने पृथ्वी पर स्थापित किया।
सच्चा चर्च जिसे बाइबल की भविष्यवाणियों के अनुसार
दूसरी बार आनेवाले मसीह आन सांग होंग ने स्थापित किया।
सिर्फ एक चर्च है जिसे परमेश्वर ने इस दुनिया में मानव जाति के उद्धार के लिए स्थापित किया। बाइबल में लिखा गया है कि वह “कलीसिया परमेश्वर ने अपने लहू से मोल ली है”(प्रे 20:28), और उसका नाम है, “परमेश्वर की कलीसिया(चर्च ऑफ गॉड)”(1कुर 1:1-2; गल 1:13; 1कुर 11:23)।
उद्धार का कार्य
और चर्च ऑफ गॉड
बाइबल आकाश और पृथ्वी की सृष्टि के साथ शुरू होती है और नए आकाश और नई पृथ्वी की सृष्टि के साथ समाप्त होती है। इस प्रक्रिया में, चर्च ऑफ गॉड एलोहीम परमेश्वर के मार्गदर्शन का पालन करते हुए मानव जाति की अगुवाई उद्धार में कर रहा है।
जगत की सृष्टि
एलोहीम परमेश्वर ने दुनिया की सृष्टि की
आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की।
उत्पत्ति 1:1
बाइबल में, उसके पहले वचन से, इब्रानी भाषा में परमेश्वर का बहुवचन शब्द, “एलोहीम” लगभग 2,500 बार लिखा है। इसका मतलब यह है कि आकाश और पृथ्वी के सृष्टिकर्ता परमेश्वर एक परमेश्वर नहीं बल्कि एक से ज्यादा हैं।
मनुष्य को बनाते समय, परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं” और “अपने ही स्वरूप के अनुसार... नर और नारी करके उसने मनुष्य की सृष्टि की”(उत 1:26-27)।
पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर ने शुरुआत ही से एक साथ काम किया; उन्होंने आकाश और पृथ्वी और उसमें सब कुछ को सृजा, और वे मानव जाति के उद्धार के कार्य को संचालित करते आए हैं।
फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की।
उत्पत्ति 1:26-27
“अत: तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो: ‘हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए …’ ”
मत्ती 6:9
पर ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है।
गलातियों 4:26
फसह की स्थापना
परमेश्वर ने फसह के द्वारा इस्राएलियों को मिस्र से मुक्त किया
पुराने नियम के समय में, परमेश्वर ने फसह के द्वारा इस्राएलियों को मुक्त किया जो 430 वर्षों से मिस्र में दासत्व से पीड़ित थे। फसह नाम का अर्थ है विपत्ति से पार होना, और इसका तारीख है पवित्र कैलेंडर के अनुसार पहले महीने के चौदहवें दिन, गोधूलि के समय(सौर कैलेंडर में मार्च या अप्रैल के आसपास)।
मिस्र में भेजी गईं दस विपत्तियों में से, पहिलौठों को नष्ट करने की दसवीं विपत्ति, अंतिम विपत्ति भेजने से पहले, परमेश्वर ने कहा, “मैं उस लहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा”(निर्ग 12:13), और “उन्हें उसको यहोवा के लिए पर्व करके सदा की विधि जानकर पर्व मानने की आज्ञा दी”(निर्ग 12:14)।
बाद में, इस्राएल दो राज्यों में विभाजित किया गया। उत्तर में इस्राएल के राज्य ने फसह नहीं मनाया और अंततः नष्ट हो गया(2रा 18:10-12); जबकि दक्षिण में यहूदा के राज्य ने फसह मनाया और जब अश्शूर ने उस पर हमला किया, तब परमेश्वर ने उसकी रक्षा की(2रा 19:30-35; 2इति 30:1-12)।
चाहे कोई भी युग हो, जब हम फसह मनाते हैं, तब हम विपत्तियों से बच सकते हैं और हमारे जीवन परमेश्वर की प्रतिज्ञा और उनकी महान शक्ति द्वारा संरक्षित किए जा सकते हैं।
और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लहू तुम्हारे लिए चिह्न ठहरेगा; अर्थात् मैं उस लहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मिस्र देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नष्ट न होगे।
निर्गमन 12:13
और वह दिन[फसह] तुम को स्मरण दिलानेवाला ठहरेगा, और तुम उसको यहोवा के लिये पर्व करके मानना; वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर पर्व माना जाए।
निर्गमन 12:14
नई वाचा की घोषणा
यीशु मसीह ने नई वाचा का फसह स्थापित किया।
परमेश्वर ने भविष्यवाणी की कि जब समय आएगा तब वह नई वाचा बांधेंगे।
“फिर यहोवा की यह भी वाणी है, सुन, ऐसे दिन आनेवाले हैं जब मैं इस्राएल और यहूदा के घरानों से नई वाचा बांधूंगा... मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा, और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे...
यिर्मयाह 31:31-33
इस प्रतिज्ञा के अनुसार, परमेश्वर यीशु नाम के एक मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर आए और उन्होंने फसह से नई वाचा स्थापित की। यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने से एक दिन पहले, उन्होंने पतरस और यूहन्ना जैसे अपने बारह चेलों के साथ फसह मनाया था। यीशु ने पांव धोने की विधी के बाद जहां उन्होंने स्वयं अपने चेलों के पांव धोए(यूह 13:1-15), फसह की रोटी और दाखमधु के द्वारा जो परमेश्वर के मांस और लहू को दर्शाते हैं, पापों की क्षमा और अनन्त जीवन देने का वादा किया, और "अपने लहू में नई वाचा" के रूप में उसकी घोषणा की(मत 26:17–28; लूक 22:7–20; यूह 6:53-54)।
... मेरा समय निकट है। मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहां पर्व मनाऊंगा’।” अत: चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी और फसह तैयार किया... जब वे खा रहे थे तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, “लो, खाओ; यह मेरी देह है।” फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया और उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पीओ, क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।
मत्ती 26:17-28
तब अखमीरी रोटी के पर्व का दिन आया, जिसमें फसह का मेम्ना बलि करना आवश्यक था। यीशु ने पतरस और यूहन्ना को यह कहकर भेजा: “जाकर हमारे खाने के लिये फसह तैयार करो।”... और उसने उनसे कहा, “मुझे बड़ी लालसा थी कि दु:ख भोगने से पहले यह फसह तुम्हारे साथ खाऊं... फिर उसने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उनको यह कहते हुए दी, “यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिये दी जाती है : मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।” इसी रीति से उसने भोजन के बाद कटोरा भी यह कहते हुए दिया, “यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है।
लूका 22:7-20
यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जब तक तुम मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ, और उसका लहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं। जो मेरा मांस खाता और मेरा लहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।
यूहन्ना 6:53-54
क्रूस पर बहे अपने बहुमूल्य लहू के द्वारा, परमेश्वर ने मानव जाति के लिए अनन्त जीवन का मार्ग खोला, जो पाप और मृत्यु की जंजीर में बंधे थे, और उन्होंने फसह के द्वारा महान प्रतिज्ञा दी।
नई वाचा का फसह मसीह के क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद भी प्रेरित पौलुस जैसे प्रेरितों द्वारा प्रेरितों के युग तक मनाजा जाता था(1कुर 5:7)।
पुराना खमीर निकाल कर अपने आप को शुद्ध करो कि नया गूंधा हुआ आटा बन जाओ; ताकि तुम अखमीरी हो। क्योंकि हमारा भी फसह, जो मसीह है, बलिदान हुआ है। इसलिये आओ, हम उत्सव में आनन्द मनावें...
1कुरिन्थियों 5:7-8
यीशु के उदाहरण का पालन करके, प्रथम चर्च ने तीन बार में सात पर्वों को पवित्रता से मनाया: फसह, अखमीरी रोटी का पर्व, प्रथम फल का पर्व, सप्ताहों का पर्व, नरसिंगों का पर्व, प्रायश्चित का दिन और झोपड़ियों का पर्व। हर पर्व में परमेश्वर की आशीष है - अनंत जीवन, पापों की क्षमा, पुनरुत्थान, पवित्र आत्मा और इत्यादि।
अंधकार का युग
परमेश्वर के पर्व और आज्ञाएं बदल दी गई।
लेकिन, प्रेरितों और प्रथम चर्च के संतों की मृत्यु के बाद, चर्च धीरे-धीरे भ्रष्ट हो गया और नई वाचा का फसह गायब हो गया। 325 ई. में निकिया की परिषद में फसह मिटा दिया गया। उसके बाद लोगों ने तीन बार में सात पर्वों को नहीं मनाया, जो बाइबल में हैं। इसके अलावा, उन्होंने साप्ताहिक पर्व ,सातवें दिन सब्त को शनिवार से रविवार में बदल दिया। उन्होंने परमेश्वर के इस वचन का उल्लंघन किया, "कोई मूर्ति खोदकर न बनाना"(निर्ग 20: 4), और क्रूस जैसी मूर्तियां प्रचलित हो गईं।
1,600 वर्षों के लंबे समय तक, अंधकार के युग और धर्म-सुधार के युग से गुजरते हुए, मानव जाति के लिए उद्धार का मार्ग काट दिया गया था; कोई भी मार्ग नहीं खोज सकता था। यह इसलिए है क्योंकि केवल परमेश्वर ही हमें अनंत जीवन दे सकते हैं(1तीम 6:16) और केवल परमेश्वर ही जीवन के सत्य - नई वाचा के फसह को पुन:स्थापित कर सकते हैं।
मसीह का दूसरा आगमन और नई वाचा की पुन:स्थापना
बाइबल की भविष्यवाणियों के अनुसार नई वाचा की पुन:स्थापना की गई है।
परमेश्वर ने मानव जाति के उद्धार के लिए इस पृथ्वी पर दूसरी बार प्रकट होने की भविष्यवाणी की।
वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ; और जो लोग उसकी बाट जोहते हैं उनके उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप उठाए हुए दिखाई देगा।
इब्रानियों 9:28
इस भविष्यवाणी के अनुसार, परमेश्वर दूसरी बार एक मनुष्य के रूप में प्रकट हुए।
दूसरी बार आने वाले मसीह आन सांग होंग ने नम्रता से हमारी सेवा की, हमारे उद्धार के लिए खुद को बलिदान किया ठीक जैसे उन्होंने अपने पहले आगमन पर किया था। उन्होंने अनन्त जीवन का द्वार खोलने के लिए, जिसके लिए सभी लोग तरस रहे थे, नई वाचा के फसह को पुन:स्थापित किया, जिसे किसी ने भी नहीं समझा था।
जैसे बाइबल में लिखा है, “परमप्रधान आप ही उस को(सिय्योन) स्थिर करेंगे”(भज 87:5), उन्होंने परमेश्वर के पर्व के नगर सिय्योन को स्थापित किया(यश 33:20-24)। वह चर्च ऑफ गॉड है, जो ठीक प्रथम चर्च के समान नई वाचा के फसह सहित बाइबल की शिक्षाओं का पालन करता है। हर वर्ष, 175 देशों में चर्च ऑफ गॉड फसह मनाता है। यीशु मसीह के नमूने के अनुसार पैर धोने की विधि के बाद, हम आशीषित की गई रोटी और दाखमधु खाते और पीते हुए पवित्र भोज मनाते हैं।
चर्च ऑफ गॉड इस आशा के साथ दुनिया को जीवन के सत्य का प्रचार करता है कि सभी सात अरब लोग नई वाचा का फसह मनाकर परमेश्वर की संतान बनें ताकि विपत्तियों से उनकी रक्षा की जा सके और वे अनन्त जीवन पा सकें।
माता परमेश्वर, जीवन के जल का स्रोत
यदि आप बचाया जाना चाहते हैं, तो आपको माता परमेश्वर के पास जाना चाहिए।
यदि आप बचाया जाना चाहते हैं, तो आपको माता परमेश्वर के पास जाना चाहिए।
बाइबल के आखिरी अध्याय में भविष्यवाणी की गई है कि आत्मा और दुल्हिन - पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर - मानव जाति की अगुवाई उद्धार की ओर करेंगे।
आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।
प्रकाशितवाक्य 22:17
इसका मतलब है कि पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर, जिन्होंने आदि में आकाश और पृथ्वी को बनाया, मनुष्य के रूप में आते हैं और लोगों को जीवन का जल देते हैं ताकि वे अनंत जीवन और खुशी पा सकें।
जैसा लिखा है, “ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है”(गल 4:26), माता परमेश्वर, जो मेम्ने की पत्नी(प्रक 19:7) और स्वर्गीय यरूशलेम(प्रक 21:9) के रूप में दर्शाई गई हैं, हमारे बीच निवास करती हैं और प्रेम और बलिदान की शिक्षाओं से उद्धार की ओर हमारा मार्गदर्शन करती हैं। मनुष्य सहित सभी जीवित प्राणी अपनी माताओं के द्वारा जीवन प्राप्त करते हैं। हमारे लिए परमेश्वर का प्रयोजन यह है कि हम अपनी आत्माओं की माता से अनन्त जीवन प्राप्त करें: यह परमेश्वर के उद्धार की योजना है।
सांसारिक परिवार प्रणाली, जिसमें एक पिता, एक माता और उनकी संतान होती हैं, स्वर्गीय परिवार का प्रतिरूप और छाया है, जिसमें पिता परमेश्वर, माता परमेश्वर और परमेश्वर की संतान हैं। जैसे पृथ्वी पर प्रेम का समुदाय, परिवार है, वैसे ही स्वर्ग में अनंत प्रेम का समुदाय, आत्मिक परिवार है। सभी मानव जाति सच्ची सांत्वना, आराम और अनंत जीवन तब प्राप्त कर सकती हैं जब वे पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर के पास आते हैं।
... “इधर आ, मैं तुझे दुल्हिन अर्थात् मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा।”... पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया।
प्रकाशितवाक्य 21:9-10
पर ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है।
गलातियों 4:26
हमारा अनंत घर, स्वर्ग का राज्य
हमारा आत्मिक घर जहां पिता परमेश्वर, माता परमेश्वर, और परमेश्वर की संतान एक साथ होते हैं।
बाइबल हम से कहती है कि हम इस पृथ्वी पर जन्म लेने से पहले स्वर्ग में स्वर्गदूत थे(अय्यूब 38:1-7; नीतिवचन 8:22-30)। स्वर्ग हमारा आत्मिक घर है जहां हम पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर, और अपने भाइयों और बहनों के साथ रह सकते हैं। लेकिन, वहां पाप करने के कारण हमें इस पृथ्वी पर निकाल दिया गया, और हम दर्द, दुःख और पीड़ा में जी रहे हैं।
और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्हें लौट जाने का अवसर था।
इब्रानियों 11:15
पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं कि मानव जाति परमेश्वर के सत्य को महसूस करें, पश्चाताप के साथ फिर से जन्म लें, और ईश्वरीय स्वभाव में भाग लें ताकि वे शानदार स्वर्ग के राज्य में वापस आ सकें। अनंत स्वर्ग का राज्य, जहां स्फटिक जैसा स्वच्छ जीवन का जल बहता है और जीवन का वृक्ष बारह प्रकार के फल पैदा करता है, और जहां आनंद और खुशी का कोई अंत नहीं है! पिता और माता हमारे लिए इसे तैयार कर रहे हैं।
परन्तु जैसा लिखा है, “जो बातें आंख ने नहीं देखीं और कान ने नहीं सुनीं, और जो बातें मनुष्य के चित में नहीं चढ़ीं, वे ही हैं जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखनेवालों के लिये तैयार की हैं।”
1कुरिन्थियों 2:9
चर्च ऑफ गॉड यह आशा करते हुए कि वैश्विक गांव के सभी लोग पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर के प्रेम को महसूस करके स्वर्गीय परिवार के सदस्य बनें और स्वर्ग में सदा सर्वदा महिमा का आनंद लें, पूरी दुनिया के हर कोने में उद्धार का शुभ संदेश का प्रचार करता है।
चर्च का इतिहास
परमेश्वर की महिमा का प्रकाश जो सूर्योदय के एक छोटे देश से चमकने लगा,
वह पूरी दुनिया में फैल रहा है।
- 1948
- मसीह आन सांग होंग का बपतिस्मा (नाक्सम, इनचॉन, कोरिया)
- 1964
- चर्च ऑफ गॉड की स्थापना
- 1985
- मसीह आन सांग होंग का स्वर्गारोहण
- 1988
- पंजीकृत सदस्य: 10,000
- 1995
- जनवीसान प्रशिक्षण संस्थान खोला गया
- 1997
- 3 विदेशी चर्च स्थापित किए गए
- 2000
- पंजीकृत सदस्य: 3 लाख
- नई यरूशलेम मन्दिर का निर्माण(बुनदांग, सियॉन्गनाम, कोरिया)
- मसीहा ऑर्केस्ट्रा की स्थापना
- 2001
- 7 विदेशी चर्च स्थापित किए गए
- 1ले विदेशी संतों का मुलाकाती दल (अमेरिका)
- 2002
- एलोहीम प्रशिक्षण संस्थान खोला गया
- 2003
- पंजीकृत सदस्य: 5 लाख
- WMC, चर्च ऑफ गॉड प्रधान कार्यालय की इमारत का निर्माण
- कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति के द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया
- 2004
- कोरिया गणराज्य के द्वारा पदक से सम्मानित किया गया
- कोरिया गणराज्य के द्वारा प्रमाणपत्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- 2005
- ओकछन गो एन्ड कम प्रशिक्षण संस्थान खोला गया
- 2006
- चर्च ऑफ गॉड के इतिहास संग्रहालय खोला गया
- 2008
- पंजीकृत सदस्य: 10 लाख
- 2009
- वर्ल्ड कैंपस मिशन आयोजित किया गया
- 2011
- डोंबेक संस्थान खोला गया
- अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा स्वयंसेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया(स्वर्ण पुरस्कार,लाइफटाइम पुरस्कार)
- 2013
- पंजीकृत सदस्य: 20 लाख
- चर्च ऑफ गॉड वर्ल्ड मिशन सोसायटी फाउंडेशन पंजीकृत किया गया
- अंतरराष्ट्रीय बाइबल सेमिनार आयोजित किया गया
- 2014
- जुबली वर्ष: चर्च ऑफ गॉड की 50वीं सालगिरह
- 2015
- कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति के द्वारा संगठन प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया
- 2016
- 7 अरब लोगों को प्रचार करने का आंदोलन घोषणा किया गया
- विश्व सुसमाचार प्रचार के लिए संकल्प रैली
- पादरी किम जू चिअल का भाषण केंद्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष(CERF) के उच्च स्तरीय सम्मेलन में दिया गया।
- नई यरूशलेम मन्दिर स्थापित किया गया(फानग्यो, सियॉन्गनाम, कोरिया)
- WMC जेजु प्रशिक्षण संस्थान खोला गया
- 2017
- कोरिया गणराज्य के लोक प्रशासन और सुरक्षा मंत्री के द्वारा संगठन प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया
- 2018
- मसीह आन सांग होंग के जन्म की 100वीं वर्षगांठ
- ग्रीन एप्पल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो यूरोप में प्रमुख पर्यावरण पुरस्कारों में से एक है
- कोरिया गणराज्य के लोक प्रशासन और सुरक्षा मंत्री के द्वारा संगठन प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया
- 2019
- 75वां विदेशी मुलाकाती दल
- 2020
- कोविड-19 प्रतिक्रिया के लिए विश्वव्यापी समर्थन
- 2022
- ब्राजील के द्वारा विधायी योग्यता पदक से सम्मानित किया गया
- 2023
- अमेरिका केराष्ट्रपति के द्वारा स्वयंसेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- पंजीकृत सदस्य; 175 देशों में 7,500 चर्चों में 37 लाख