हंसी आशीष का परिणाम लाती है।
आइए हम अपने परिवार के साथ हंसी से बातचीत करें!
हंसी सम्पर्क का दूसरा नाम है। सम्पर्क का मतलब है, एक दूसरे के मन और इच्छा को बांटना; इसलिए उनके बीच में हंसी नहीं है जो मन और इच्छा को नहीं बांटते। चाहे वे अपने मनों की बातों को कहें या नहीं, हंसी एक दूसरे को समझने में मदद करती है। इसलिए हम कह सकते हैं कि हंसी सम्पर्क करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आप बातचीत करने से पहले मुस्कुराएं, तो सुनने वाले अपना हृदय पहले ही से खोल देंगे।
किसी दूसरी जगह से ज्यादा जहां हंसी होनी चाहिए, वह हमारा घर है, और किसी दूसरे लोगों से ज्यादा जिन्हें हमें सबसे ज्यादा प्रसन्न करना चाहिए, वे हमारे परिवार के सदस्य हैं। यदि हम अपने घर में हंसी न पाएं, तो कैसे हम उसे बाहर खोज सकेंगे? और यदि हम अपने परिवार के सदस्यों को ही प्रसन्न नहीं कर सकते, तो कैसे हम किसी और को प्रसन्न कर सकेंगे? जब हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ हंसी बांटते हैं, तो यह छोटी सी हंसी परेशानियों का सामना करने की शक्ति बन जाती है।
जब पिता हंसते हैं, तो पूरे घर का वातावरण बदल जाता है
हर घर में पिता की हंसी घर के वातावरण में बड़ा प्रभाव लाती है। यह सच है कि पिता काम से घर वापस आने के बाद किसी चीज में शामिल होना नहीं चाहते और सिर्फ आराम करना चाहते हैं। खासकर यदि उन्हें काम पर जबरदस्ती हंसना पड़ता हो या वे दूसरों को हंसाने का काम करते हों, तब वे घर पर किसी से भी परेशान होना नहीं चाहते और केवल अधिक आराम करना चाहते हैं।
एक हास्य अभिनेता जिसका काम है दूसरों को हंसाना, उसने यह कहकर सब को आश्चर्य कर दिया कि वह घर में बहुत ही शांत और अमित्रतापूर्ण है। उसने कहा कि वही अकेला ऐसा हास्य अभिनेता नहीं है। इसका मतलब यह है कि चाहे वे दूसरों को हंसाने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास करते हों, परन्तु घर में हंसाने के लिए उनके पास कोई शक्ति नहीं होती। चाहे इसका कारण कुछ भी हो, यह दुख की बात है कि वे अपने घर के सदस्यों को हंसा नहीं सकते।
एक लड़का जिसे पढ़ना पसंद नहीं था, उसने घर पर अपनी परीक्षा का परिणाम–पत्र लाया जिसमें उसे हर एक विषय में “F” ग्रेड दिया गया था और सिर्फ शारीरिक शिक्षण में उसको “D” ग्रेड मिला था। उसके पिता बहुत ही क्रोधित हुए होंगे, परन्तु उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि तुमने एक ही विषय पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया है।”
यह एक छोटी सी कहानी है जिसे लोगों को हंसाने के लिए बनाया गया है, परन्तु आइए हम इसे अपने बच्चों के लिए लागू करें। बेशक, हम हमेशा उनकी ताड़ना हंसी के साथ नहीं कर सकते। फिर भी यदि हम कभी–कभी दुखी भावना को हंसी में बदल दें, तो यह भारी ताड़ना से ज्यादा प्रभाव होगा। गंभीर और कठोर पिता पुराने समय के हैं। अभी मजाकिया और दयालु पिता जो अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताते हैं, वे अच्छे पिता के रूप में स्वीकार किए जाते हैं। यदि आप अपने परिवार वालों के लिए ज्यादा हंसें और उन्हें प्रसन्न करें, तो आपका घर और अधिक आनंदित होगा।
बच्चे अच्छी तरह विकसित होते हैं जब उनके परिवारवाले बहुत हंसते हैं
ऐसी कहावत है, “माता–पिता बच्चों के लिए शीशे के जैसे हैं।” यदि माता–पिता ज्यादा हंसते हैं, तो बच्चे भी ज्यादा हंसते हैं। बच्चे जो ज्यादा हंसते हैं, वे शारीरिक और मानसिक रूप से शांति महसूस करते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको हमेशा अपने बच्चों के साथ मुस्कुराते चेहरे से बर्ताव करना चाहिए। यदि वे कुछ गलती करें, तो आपको उनके साथ दृढ़ आवाज से बात करनी चाहिए। लेकिन, जब बच्चे माता–पिता के ईमानदार मन को महसूस करते हैं, तब बच्चे भी अपनी गलती को समझते हुए पश्चाताप करते हैं। घर जिसमें हमेशा हंसी होती है वहां कोई विवाद या झगड़ा नहीं होता। इसका कारण यह है कि हंसी परिवार के सदस्यों के बीच में एक भावात्मक संबंध स्थापित करती है। बच्चे जो ऐसे घरों से होते हैं, वे मिलनसार, ईमानदार और ज्ञानी होते हैं जो अपने जीवन के कठिन समय को पार करना जानते हैं और हंसी के साथ हर परेशानी को हल करते हैं।
कुकर्म करने वाले किशोरों में से करीब 80% कहते हैं कि उन्होंने कभी अपनी मां को हंसते हुए नहीं देखा है। यह बहुत संभावना है कि माता–पिता जो ज्यादा हंसते नहीं, वे अस्थिर चरित्र और विचारधारा के होते हैं। इसलिए बच्चे जो उस घर में पलते–बढ़ते हैं जहां हंसी ज्यादा नहीं है, वे सही चरित्र नहीं रख पाते हैं। और इस बात की संभावना बहुत कम है कि बच्चे जो ज्यादा हंसते हैं, वे कुकर्म करने वाले किशोर बनते हैं। हंसी एक सकारात्मक ऊर्जा है, और सकारात्मक लोग अपने जीवन के प्रति उज्ज्वल और सकारात्मक रवैया रखते हैं।
आइए हम अपने परिवारवालों के स्वास्थ्य का हंसी के साथ ख्याल रखें
हंसी हमारे स्वास्थ्य से संबंधित है। प्राचीन यूनानी डॉक्टर मीलेतुस ने कहा, “यूनानी शब्द गेलोस(gelos) का मतलब है हंसी, और यह हेलो(helo) शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका मतलब है स्वास्थ्य। इससे पहले कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने हंसी के लाभ को खोज निकाला, लोगों को यह पता था कि हंसी और स्वास्थ्य के बीच नजदीकी संबंध है। यह माना जाता है कि हंसी दर्द को दूर करती है। अमेरिकी लेखक नोर्मन कसीन आंक्यलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उस बीमारी से पीड़ित था जो बहुत ही ज्यादा दर्द देता था। वह एस्पिरिन की 26 गोलियां और फिनाएलबूताजोन की 12 गोलियां हर दिन लेता था, परन्तु उसके ठीक होने का कोई चिन्ह नहीं दिख रहा था। लेकिन, कॉमेडी शो देखने के दौरान वह जोर जोर से हंसने लगा, तब उसका दर्द गायब हुआ और वह बिना नींद की गोलियां लिए सो पाया।
हाल ही में, एटोपी बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, परन्तु उसका कोई सीधा उपाय नहीं है क्योंकि उसमें विभिन्न कारण होते हैं। लेकिन, एक बच्चा जिसकी एटोपी बीमारी इतनी गंभीर थी कि वह न तो सो पाता था और न ही दोस्तों के साथ घूम सकता था, उसकी यह बीमारी अपने परिवार के साथ हंसने से दूर हो गई। ज्यादातर एटोपी बीमारी के बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं और बहुत ही तनाव में होते हैं, परन्तु जब वे हंसते हैं, तो उन्हें अच्छा लगता है और उनके बीमारी–लक्षण ठीक हो जाते हैं।
हंसी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को उतना मजबूत बनाती है जितना दवाई या टीका बनाती है, और रक्तचाप को भी कम करती है क्योंकि वह रक्तवाहिका को ढीला करती है, और हमारे अंदर आक्सीजन और सांस की उपलब्धता को बढ़ाती है। यह मधुमेह रोग को भी ठीक करती है और कसरत की तरह प्रभावी है। इसी तरह हंसी बच्चे से लेकर बड़े तक हमारे परिवारवालों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए सबसे आसान तरीका है।
कैसे हंसना है?
1. जोर से हंसें
जब आप हंसते हैं, तो अपना पूरा मुंह खोलने की और अपने पूरे शरीर का इस्तेमाल करने की कोशिश कीजिए। जब आप जोर से हंसते हैं, तो आपका मन और हृदय खुल जाता है और आप खुलकर हंस सकते हैं। यदि हम खुलकर हंसें, तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है क्योंकि यह हमारी आंखों के नीचे की नस को संतुलित रखता है, और इसके जरिए एन्डोरफीन और डोफामीन जैसे हार्मोन छोड़े जाते हैं।
2. अकेले नहीं, एक साथ मिलकर हंसें
अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन ने कहा, “दुख तब भी घट जाता है जब आप उसे वैसा ही छोड़ देते हैं, परन्तु यदि आप सच्ची खुशी चाहते हैं, तो आपको इसे बांटने के लिए किसी व्यक्ति की जरूरत होती है।” यदि आप किसी के साथ हंसते हैं, तो आप ज्यादा शांति महसूस कर पाते हैं और आप और ज्यादा हंस पाते हैं; और वह अकेले हंसने से 33 गुणा बेहतर प्रभाव लाता है।
3. हंसने का अभ्यास करें
यदि आपके चेहरे की मांसपेशियां सख्त हैं, तो आपकी हंसी अस्वाभाविक दिखेगी, और यदि आपको यह पता लगे कि आपकी हंसी स्वाभाविक नहीं दिख रही है, तब आप कम हंसेंगे। ऐसा सोचने के बजाय कि आप किसी भी समय पर हंस सकते हैं, खुद स्वाभाविक रूप से हंसने का अभ्यास कीजिए।
4. हर दिन की हंसी का अभ्यास करें
यह हर दिन की हंसी है। रविवार को रात तक हंसें, सोमवार को सौ बार हंसें, मंगलवार को शानदार ढंग से हंसें, बुधवार को बहुत ही अच्छे ढंग से हंसें, गुरुवार को गर्व से हंसें, शुक्रवार को शुरू से हंसें और शनिवार को ठहाके मारकर हंसें। यदि आप हर दिन हंसने का अभ्यास करें, तो आप साल के पूरे 365 दिन हंस सकते हैं।
5. कठिन समय में ज्यादा हंसें
जैसी एक कहावत है, “हम इसलिए नहीं हंसते हैं क्योंकि हम खुश हैं, परन्तु हम हंसते हैं, इसलिए हम खुश हैं,” सकारात्मक रूप से सोचने का प्रयास करें और हंसें जब ऐसी समस्या होती है जिसे हल करना मुश्किल है। यह कहा जाता है कि इस्राएली नाजियों के अत्याचार करने पर भी हंसी को नहीं भूले। याद रखिए कि जब आप थके और निराश होते हैं, तब आपकी हंसी और अधिक उज्ज्वल तरीके से चमकती है।
- आपके हंसी सूचकांक को जांचिए
- कभी नहीं(1) / वास्तव में नहीं(2) / कभी–कभी(3) / बार–बार(4) / हमेशा(5)
- मैं जिस किसी से भी मिलता हूं, उसका मुस्कुराहट के साथ अभिवादन करता हूं।
- मैं दूसरों को हंसाने के लिए प्रयास करता हूं।
- चाहे कोई मुझे ऐसी कहानी सुनाए जो मैं सुन चुुका हूं, तो भी मैं जोर से हंसता हूं जैसे कि मैंने पहले उसे कभी न सुना हो।
- समाचार पत्र और पुस्तकों में मुझे हास्य भागों को पढ़ना पसंद है।
- मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है कि मैं दूसरे लोगों की नजर में मजाकिया लग रहा हूं।
- दिन में कम से कम एक बार मैं अपने परिवार के साथ जोर से हंसता हूं।
- चाहे कोई गलती करे, तो भी मैं मुस्कुराकर उदार बनता हूं।
- मुझे दूसरे लोगों के साथ समय बिताना पसंद है।
- मुझे अच्छा महसूस होता है जब दूसरे मेरे कारण खुश होते हैं।
- जब मैं हंसता हूं, तो मैं जोर से हंसता हूं।
- मैं विश्वास करता हूं कि हंसने के कारण अच्छे रिश्ते बनते हैं।
- मैं माहौल को बदलने के लिए हंसता हूं।
- मैं शीशा देखकर चेहरे के भाव का अभ्यास करता हूं।
- मैं सपने में हंसने का अनुभव करता हूं।
- लोग मजा–मस्ती करने के लिए मुझे ढूंढ़ते हैं।
- मैं खुद कोई हास्यास्पद कहानी सोचकर अकेले हंसता हूं।
- जब मैं बातें करता हूं, तो मैं इसे मजेदार बनाता हूं।
- मैं ऐसा मजाक नहीं करता जो दूसरे की भावनाओं को दुख पहुंचाता हो।
- मैं वर्तमान में प्रचलित हास्य–व्यंग्यों को जानता हूं।
- मैं जब हंसता हूं तब स्वाभाविक दिखता हूं।
- काम करते वक्त हंसना मुझे स्वाभाविक लगता है।
- मैं विश्वास करता हूं कि बुरी स्थिति में भी आशा होती है।
- मैंने हंसी से दूसरों की भावनाओं को बदला है।
- मैं हंसी के बारे में 3 से ज्यादा कहावतें जानता हूं।
- 90–120 अंक: आप जो हमेशा हंसते हैं, एकदम तंदुरुस्त व्यक्ति हैं।
- 75–89 अंक: यदि आप और ज्यादा प्रयास करें, तो आप हंसी में उत्कृष्ट हो सकते हैं।
- 74 अंक या इससे कम: आप ज्यादा नहीं हंसते। आपको ज्यादा प्रयास करना चाहिए।
आगे बताए प्रश्नों पर स्वयं को 1 से 5 तक अंक दीजिए।