यीशु सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं, फिर भी वह क्यों मनुष्य के रूप में आए?

परमेश्वर जब भी चाहें, वह अवश्य ही मनुष्य के रूप में प्रकट हो सकते हैं। क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास ऐसी शक्ति है कि वह शरीर रूप का धारण कर सकते हैं या उसे उतार सकते हैं। फिर क्यों परमेश्वर एक कमजोर बालक और पुत्र के रूप में स्वयं पृथ्वी…

दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो यीशु की इच्छा पर चलने का दावा करते हैं। तब, ऐसा क्यों है की वे यीशु के स्थापित नई वाचा को नहीं रखते?

यीशु का इस पृथ्वी पर आने का उद्देश्य मनष्यों को अनंत जीवन देना है जो अपने पापों के कारण मृत्यु के बाध्य हैं। हमें उद्धार की ओर नेतृत्व करने के लिए, यीशु ने फसह के दिन पर वई वाचा को स्थापित किया और क्रूस पर अपना लहू बहाते हुए, हमारे…

फसह

यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जब तक तुम मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ, और उसका लहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।“यूह 6:53 फसह का पर्व वह पर्व है, जिसके द्वारा विपत्ति हमें छोड़कर गुजर जाती है। यह पर्व पवित्र कैलेंडर…

जो मेरा आदर करें मैं उनका आदर करूंगा

इस्राएल में राजा स्थापित होने से पहले, एली एक महायाजक के रूप में इस्राएलियों का नेता था, और होप्नी और पीनहास नामक उसके दो पुत्र थे। दोनों पुत्रों ने भी अपने पिता के साथ याजक का पद पाया था। हालांकि,…

तैयार रहो

शरद ऋतु में, किसान अपनी फसलों को और फलों को काटने के लिए, अपने पसीने की बून्दें गिराते हुए कड़ी मेहनत करते हैं। कड़ी मेहनत करने पर भी, वे अपने खलिहानों में एकत्रित हुईं फसलों के कारण बहुत खुश होते…

परमेश्वर का शरीर में आने का कारण

आजकल यीशु के पवित्र चित्र में, जो यीशु का चित्रण करता है, यीशु की आकृति, जिसकी कल्पना लोग करते हैं, अति पवित्र और ईश्वरीय दिखती है। लेकिन जब यीशु आया, उस समय के लोग ‘यीशु को कैसा समझते थे?’, ‘जिस…

परमेश्वर के चुने हुए लोग

परमेश्वर ने हमें नाश की ओर भाग रहे लोगों की अगुआई स्वर्ग की ओर करने के उद्धार के कार्य में अपना सहकर्मी बनने के लिए बुलाया है। जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने की है, उसे पाने के लिए हम मूसा की…

परमेश्वर प्रेम हैं

परमेश्वर हम से बहुत ज्यादा प्रेम करते हैं। इसी वजह से वह इस पृथ्वी पर आए और खुशी से कठोर दु:खों को उठाया। जब उन्होंने गुलगुता पर अपना अंतिम श्वास लिया, उन्होंने हमारे लिए मृत्यु की तीव्र वेदना को सह…

कृपा से बुलाए गए

लम्बे समय पहले, चीन के हान राजवंश में, हान जीन नामक एक सेनापति हुआ करता था जो पूरे राज्य की सेना की अगुआई करता था। वह बहुत ही आत्मविश्वासी था, और एक बार उसने कहा था, “जितनी ज्यादा सेना होगी,…

रहस्यों का रहस्य

बाइबल की 66 पुस्तकें पढ़ते समय हमें सबसे बड़ा मुश्किल विषय है कि मसीह को पहचान कर उस पर विश्वास करना है। इसलिए बाइबल कहती है कि मसीह को जानना ही बाइबल का सब से बड़ा रहस्य है। 2,000 साल…

अंत तक परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य रहो

हम स्वर्ग के अनंत जीवन की आस लगाते हुए परमेश्वर पर विश्वास करते हैं। हालांकि, बिना परिश्रम के हम अनंत जीवन नहीं प्राप्त कर सकते; बिना श्रम के हमें अनंत जीवन का मुकुट नहीं दिया जा सकता। अंत तक परमेश्वर…

निकिया की परिषद और अरियसवाद

325 ई. में, फसह के विवाद सहित मुख्य रूप से अरियसवाद के विवाद को निपटाने के लिए निकिया की परिषद की बैठक बुलाई गई। उस विवाद के कारण इतना लहू बहाया गया कि वह इतिहास में एक अंधकार का विषय…

दासों की मानसिकता और पुत्रों की मानसिकता

हम ऐसे सेवक हैं जिन्हें परमेश्वर ने योग्य ठहराकर सुसमाचार का कार्य सौंपा है, और हम परमेश्वर के महान मिशन में भाग ले रहे हैं। फिर, सुसमाचार के कार्य के प्रति हमारा रवैया कैसा है? यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात…

धर्मी कौन है?

इस दुनिया के असंख्य लोग परमेश्वर पर विश्वास करने का दावा करते हैं। हालांकि, परमेश्वर कहते हैं कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं; कोई भलाई करनेवाला नहीं, एक भी नहीं। जैसा लिखा है: “कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं...…

प्रभु! मैं एक पापी मनुष्य हूं!

हमने स्वर्ग में पाप किया, और हम इस शरणनगर, पृथ्वी पर निकाल दिए गए थे। यह बहुत स्वाभाविक है कि हम अपने निज देश की अभिलाषा करते हैं। हम सभी उत्साह से स्वर्ग में वापस जाने की इच्छा रखते हैं,…

बड़ा पात्र बन जाओ

पूर्व दिशा से शुरू हुआ परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य, अब बहुतायत से फल उत्पन्न कर रहा है। बहुत सी जातियां और लोग सिय्योन से निकलते सत्य के वचनों को सुनने के लिए, सिय्योन की ओर आ रहे हैं।…

लोग जो परमेश्वर के सरूप हैं

सिय्योन के लोग परमेश्वर के और उनके परमेश्वरत्व के सरूप होते हैं। अपने आपको देखते हुए हम जान सकते हैं कि जब हमने विश्वास की शुरुआत की थी, हम अब उस समय से और ज्यादा परमेश्वर के सरूप हो गए…

जाकर पहले अपने भाई से मेल मिलाप कर

जब यीशु पहाड़ पर चले गए और वहां बैठ गए, तब उनके चेले उनके पास आ गए। यीशु ने उन्हें विस्तार से धन्य लोगों, नियम और उन सद्गुणों के बारे में सिखाया जो परमेश्वर के लोगों को अपनाना चाहिए। “यदि…

अपने जीवन का अंदाज़ सुसमाचार के सुयोग्य होने दे

अब, जैसे कि परमेश्वर ने योजना की थी, सुसमाचार का कार्य संपूर्ण हो रहा है; हमारे स्वर्गीय परिवार के बहुत सदस्य जो पूरे संसार में बिखर गए थे, अब सिय्योन की ओर आ रहे हैं। सुसमाचार का और परमेश्वर के…

आत्मिक दुनिया को देखो

हम इस पृथ्वी पर स्वर्गीय घर की आशा करते हुए, मुसाफिर के समान जी रहे हैं। इस दृश्य और सीमित संसार में शरीर पहनने के कारण, हम आसानी से बाहरी चीजों में तल्लीन हो जाते हैं कि हम आत्मिक दुनिया…

प्रचार करने का समय

परमेश्वर हमें कुछ सौंपते हैं ताकि अंत में वह हमें अच्छी वस्तुओं से आशीर्वादित कर सकें। इस समय हमें सुसमाचार का प्रचार सौंपा गया है। यह हमारे खुद के और दूसरों के उद्धार के लिए परमेश्वर का एक आशीर्वाद है।…

छोटी शुरुआत और समृद्ध भविष्य

हम ऐसी आशा के साथ जीते हैं कि चाहे हमारी शुरुआत छोटी प्रतीत होती है, हमारा भविष्य परमेश्वर की कृपा के द्वारा समृद्ध होगा। परमेश्वर ने इस संसार में दूसरे लोगों को नहीं, लेकिन हम से प्रतिज्ञा की है। उस…