बाइबल के वचन
बाइबल हमें उद्धार पाने में बुद्धिमान बनाती है(2तीम 3:15)। आइए हम इससे परमेश्वर की सच्ची इच्छा सीखें।
यीशु सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं, फिर भी वह क्यों मनुष्य के रूप में आए?
परमेश्वर जब भी चाहें, वह अवश्य ही मनुष्य के रूप में प्रकट हो सकते हैं। क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास ऐसी शक्ति है कि वह शरीर रूप का धारण कर सकते हैं या उसे उतार सकते हैं। फिर क्यों परमेश्वर एक कमजोर बालक और पुत्र के रूप में स्वयं पृथ्वी…
दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो यीशु की इच्छा पर चलने का दावा करते हैं। तब, ऐसा क्यों है की वे यीशु के स्थापित नई वाचा को नहीं रखते?
यीशु का इस पृथ्वी पर आने का उद्देश्य मनष्यों को अनंत जीवन देना है जो अपने पापों के कारण मृत्यु के बाध्य हैं। हमें उद्धार की ओर नेतृत्व करने के लिए, यीशु ने फसह के दिन पर वई वाचा को स्थापित किया और क्रूस पर अपना लहू बहाते हुए, हमारे…
फसह
यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जब तक तुम मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ, और उसका लहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।“यूह 6:53 फसह का पर्व वह पर्व है, जिसके द्वारा विपत्ति हमें छोड़कर गुजर जाती है। यह पर्व पवित्र कैलेंडर…
हमें कैसे प्रार्थना करनी चाहिए?
प्रार्थना परमेश्वर और हमारे बीच एक आत्मिक बातचीत है। हमें परमेश्वर के अस्तित्व पर दृढ़तापूर्वक विश्वास करना चाहिए और इस पर विश्वास करते हुए कि परमेश्वर जो हम मांगते हैं उसे हमें देंगे, अपने पूरे मन और पूरे हृदय से…
क्यों हम प्रार्थना करते हैं?
हमारे प्रार्थना करने का कारण क्या है? कुछ लोग बिना उद्देश्य के अनिश्चित प्रार्थना करते हैं। लेकिन, यदि हम प्रार्थना करने के कारण और उद्देश्य को जानते हैं, तो हम और अधिक सच्चे दिल से प्रार्थना कर सकते हैं। आइए…
प्रार्थना क्या है?
प्रार्थना परमेश्वर से आशीष मांगने की एक विधि है। प्रार्थना में हम सिर्फ आशीष नहीं, बल्कि जब हमारे सामने कठिनाइयां आती हैं, सहायता भी मांगते हैं। दूसरों से सहायता लिए बिना, हमारे लिए इस संसार में जीवन जीना मुश्किल है।…
क्यों हमें परमेश्वर के वचन का अध्ययन करना चाहिए
क्यों हमें परमेश्वर के वचन का अध्ययन करना चाहिए? आइए हम बाइबल के द्वारा इसके कारणों को जानें। 1. हमारी आत्मा के जीवन के लिए परमेश्वर का वचन आत्मिक भोजन है। यीशु ने कहा कि हम परमेश्वर के वचन से…
क्यों सदस्यों को एक दूसरे की सेवा करनी चाहिए
परमेश्वर ने हमसे “सेवा करनेवाले” बनने को कहा है। हम, स्वर्गीय संतानों को परमेश्वर की शिक्षा को अभ्यास में लाकर परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहिए। आइए हम, बाइबल के द्वारा इसका कारण देखें कि हमें एक दूसरे की सेवा क्यों…
हमें एक दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?
परमेश्वर तब प्रसन्न होते हैं जब उनकी संतानें एकजुट होती हैं(भज 133:1; फिल 2:1-2)। हालांकि, यदि हम एक दूसरे के साथ असभ्य व्यवहार करते और एक दूसरे के प्रति विचारशील नहीं रहते, तो एक बनना मुश्किल होगा। इसलिए, हमें प्रेम…
क्यों हमें धीरज रखना चाहिए
हमारे विश्वास के जीवन में, क्यों हमें धीरज रखना चाहिए? आइए हम बाइबल के द्वारा कारणों को जानें। 1. उद्धार पाने के लिए “भाई, भाई को और पिता पुत्र को, घात के लिए सौंपेंगे, और बच्चे माता-पिता के विरोध में…
मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा
यीशु ने कैसरिया फिलिप्पी के प्रदेश में आकर अपने चेलों से पूछा, "लोग मुझे क्या कहते हैं?" "कुछ तो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कहते हैं, और कुछ एलिय्याह!" "कुछ यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं!” चेलों के जवाब…
उनसे कहना, “प्रभु को इस का प्रयोजन है”
जब वे यरूशलेम के निकट पहुंचे, तो यीशु ने गांव में दो चेलों को भेजा। “सामने के गांव में जाओ, और उस में पहुंचते ही एक गदही का बच्चा, जिस पर कभी कोई नहीं चढ़ा, बंधा हुआ तुम्हें मिलेगा। उसे…
परमेश्वर ने सारी छावनी को हमारे वश में कर दिया है
गिदोन और उसका सेवक फूरा दुश्मन की छावनी में छिपकर मिद्यानी सैनिकों की बातचीत सुन रहे हैं। यह परमेश्वर के वचन के कारण था जो उन्होंने मिद्यानी छावनी के विरुद्ध लड़ने के लिए 300 योद्धाओं को चुनने के बाद कहा…
पुराने नियम में बलिदान
बलिदान की विधियां, जो पुराने नियम के समय पवित्रस्थान में ही की जाती थीं, इतनी अधिक मुश्किल और जटिल थीं कि उस याजक के बिना जिस पर उनका संपूर्ण दायित्व था, कोई भी उनके बारे में विस्तार से नहीं जानता…
हमें किस प्रकार के शब्द बोलने चाहिए? (2)
हम यह देखना जारी रखेंगे कि परमेश्वर क्या चाहते हैं कि हम किस प्रकार के शब्दों का उपयोग करें। 1. धन्यवाद के शब्द जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार और किसी प्रकार के अशुद्ध काम या…
हमें किस प्रकार के शब्द बोलने चाहिए? (1)
शब्द हमारे व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करते हैं। यह इसलिए क्योंकि शब्दों में हमारे विचार और भावनाएं शामिल होते हैं। इसलिए, परमेश्वर की संतानों के रूप में, जिन्होंने उद्धार की प्रतिज्ञा प्राप्त की हैं, हमें अनुग्रहपूर्ण शब्दों और धन्यवाद भरे शब्दों…
परमेश्वर के वचन संपूर्ण हैं
परमेश्वर के वचन संपूर्ण हैं, और इन्हें स्वीकार न करने का कोई कारण नहीं है। परमेश्वर के वचन को संपूर्ण रूप से मानना ही आशीष और उद्धार प्राप्त करने का एकमात्र मार्ग है, क्योंकि परमेश्वर केवल उन लोगों पर ही…
हमारे शब्दों के द्वारा आशीष और शाप
बाइबल उन लोगों के इतिहास को दर्ज करती है जिन्होंने अपने शब्दों के द्वारा आशीष प्राप्त की और जिन्होंने अपने शब्दों के द्वारा शाप पाया। उनके इतिहास के द्वारा, आइए हम सोचें कि हमें किस प्रकार के शब्द कहने चाहिए।…
शब्दों का महत्व
एक कहावत है, "एक शब्द के द्वारा ऋण रद्द किया जाता है।" इसका मतलब है कि शब्द का प्रभाव बहुत महान है। परमेश्वर ने भी बाइबल के द्वारा हमें शब्दों का महत्व सिखाया है। आइए हम, बाइबल के द्वारा शब्दों…
विश्वास के पूर्वज जो परीक्षा पर विजयी हुए
शैतान ने सृष्टि के समय से ही सभी प्रकार की दुष्ट योजनाओं से परमेश्वर की संतानों को लुभाया। हमें अनन्त स्वर्ग के राज्य की ओर बढ़ने के लिए शैतान के सभी प्रलोभनों पर विजयी होना चाहिए। विश्वास के पूर्वजों के…
छुड़ौती
“जैसे उसने अपेक्षा की, यीशु उन आत्माओं को बचाने के लिए जिन्होंने पाप किया था नीचे पृथ्वी पर शरीर में आए, और अपने शरीर को पापबलि के रूप में उनके लिए बलिदान किया। बाइबल कहती है, “पाप की मजदूरी मृत्यु…
मसीह का दोषपत्र: “यह यहूदियों का राजा यीशु है”
हम सब, जो सत्य में रहनेवाले परमेश्वर के लोग हैं, अच्छे से जानते हैं कि स्वर्ग में किए गए हमारे पापों को क्षमा करने के लिए, यीशु छुड़ौती के रूप में क्रूस पर बलिदान हुए। तब, स्वर्ग के राज्य में…
बाइबल की संरचना और विशेषताएं
1. बाइबल की भाषाएं “बाइबल” शब्द यूनानी भाषा में “βιβλος(Biblos = किताब)” शब्द से निकला है। (1) पुराना नियम इब्रानी भाषा में लिखा गया था। ※ पुराने नियम की कुछ पुस्तकें(एज्रा 4:8–6:18; 7:12–26; यिर्म 10:11; दान 2:4–7:28) उस अरामी[कसदी] भाषा…